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ज्योतिष

Aaj ka Panchang: 17 जून को त्रिपुष्कर और रवि योग का संयोग, जानें कब से कब तक है राहुकाल और गुलिक काल

Aaj Ka Panchang: आज 17 जून, 2025 को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। आइए जानते हैं, 17 जून का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 17, 2025 06:43
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Aaj Ka Panchang 17 June 2025: आज 17 जून, 2025 को आषाढ़ माह का छठा दिन है और आज इस माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 57 मिनट 55 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 13 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 17 जून के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि

आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो 17 जून की 02:46 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी।

षष्ठी तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी भगवान कार्तिकेय हैं और इस तिथि का स्वभाव यशप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।

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नक्षत्र

आज दिन की शुरुआत शतभिषा नक्षत्र से होगी, जो 18 जून की 01:01 AM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आरंभ होगी।

दिन/वार

आज मंगलवार का दिन है, जो हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित है। इसके साथ ही, मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति मंगल देव को भी समर्पित है और इस दिन मंगल शांति के उपाय किए जाते हैं।

योग

आज दिन की शुरुआत विष्कंभ योग से होगी, जो 17 जून की 09:34 AM तक व्याप्त रहेगी, यह शुभ योग नहीं है। इसके बाद प्रीति योग की शुरुआत होगी।

इसके साथ ही, आज त्रिपुष्कर योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।

करण

आज 02:46 PM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो 18 जून की 02:13 AM तक व्याप्त रहेगा। इसके बाद बव करण शुरू होगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध ग्रह हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शनिदेव हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 04:43 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:23 AM से 05:23 AM

अभिजित मुहूर्त: 11:54 AM से 12:50 PM

विजय मुहूर्त: 02:42 PM से 03:38 PM

गोधूलि मुहूर्त: 07:20 PM से 07:40 PM

सायाह्न सन्ध्या: 07:21 PM से 08:21 PM

अमृत काल: 05:53 PM से 07:28 PM

निशिता मुहूर्त: 12:02 AM, जून 18 से 12:42 AM, जून 18

त्रिपुष्कर योग: 01:01 AM, जून 18 से 05:23 AM, जून 18

रवि योग: 05:23 AM से 01:01 AM, जून 18

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 03:52 PM से 05:36 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 08:53 AM से 10:37 AM

दुर्मुहूर्त काल: 08:11 AM से 09:07 AM और 11:22 PM से 12:02 AM, जून 18

गुलिक काल: 12:22 PM से 02:07 PM

विष घटी/वर्ज्य: 08:22 AM से 09:57 AM

भद्रा: 02:46 PM से 02:13 AM, जून 18

पंचक: यह आज पूरे दिन व्याप्त रहेगा।

17 जून 2025 के पर्व और त्योहार

आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है और दिन मंगलवार है। मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। भक्तजन इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में साहस और आत्मबल की वृद्धि होती है।

इसके साथ ही, मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति मंगल देव को भी समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह ऊर्जा, पराक्रम, भूमि, साहस और युद्धकला का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, वे इस दिन विशेष रूप से मंगल देव की पूजा और व्रत रखते हैं। मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, स्थिरता और समृद्धि आती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 17, 2025 06:43 AM

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