Aaj Ka Panchang16 March 2025: आज 16 मार्च, 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का दूसरा दिन है और आज इस माह की द्वितीया तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 00 मिनट 24 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 58 मिनट 26 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 16 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो 04:58 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि शुरु हो जाएगी। द्वितीया तिथि एक भद्रा तिथि है, जिसके स्वामी ब्रह्मा जी हैं और इस दिन का स्वभाव मंगलप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज 08:54 AM तक हस्त नक्षत्र कायम रहेगी। इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ और फल की प्राप्ति होती है।
योग: आज 02:49 PM तक वृद्धि योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद ध्रुव योग की शुरुआत होगी, यह भी एक शुभ योग है।
इनके साथ ही आज द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। इन शुभ योगों की अवधि आप नीचे शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 04:58 PM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण की शुरुआत होगी, जो 17 मार्च की 06:14 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद विष्टि करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध हैं और इस राशि में वे 17 मार्च की 01:15 AM तक रहेंगे। इसके बाद वे तुला राशि में गोचर करेंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:54 AM से 05:42 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:18 AM से 06:30 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:06 PM से 12:54 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:28 PM से 06:52 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:30 PM से 07:42 PM
द्विपुष्कर योग: 11:45 AM से 04:58 PM
निशिता मुहूर्त: 12:05 AM, मार्च 17 से 12:53 AM, मार्च 17
अमृत सिद्धि योग: 06:30 AM से 11:45 AM
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:30 AM से 11:45 AM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 05:00 PM से 06:30 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 12:30 PM से 02:00 PM
गुलिक काल: 03:30 PM से 05:00 PM
दुर्मुहूर्त: 04:54 PM से 05:42 PM
वर्ज्य: 08:46 PM से 10:34 PM
भद्रा: 06:14 AM, मार्च 17 से 06:28 AM, मार्च 17
14 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज दिन रविवार है और यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे ग्रहों के स्वामी और धरती पर ऊर्जा और प्रकाश में महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फल मिलता है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
होली भाई दूज: होली भाई दूज त्योहार एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो भाई-बहनों के बीच स्नेह, प्रेम और सहयोग को विकसित और दृढ़ करता है। पंचांग के अनुसार, यह हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में दो भाई दूज त्योहार मनाए जाते हैं। दूसरा पर्व, दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है, जो अधिक लोकप्रिय है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।