दुनिया का पहला ब्लेड रनर, जिसने ओलिंपिक में इतिहास रचा, फिर गर्लफ्रेंड का कातिल बना, अब बनेगा ‘बाबा’
Blade Runner Oscar Pistorius
Blade Runner Oscar Pistorius Future Plan: दुनिया में 'ब्लेड रनर' के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीका का एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस जेल से बाहर आएगा। 36 साल के पूर्व पैरालंपिक स्टार और फर्राटा धावक को गर्लफ्रेंड के मर्डर केस में सजा होने के करीब 10 साल बाद पैरोल मिली और उसे 5 जनवरी 2024 को रिहा किया जाएगा। जेल से बाहर आने के बाद पिस्टोरियस अपने चाचा के साथ रहेगा। वहीं जेल के अंदर से मिले सूत्रों के अनुसार, पिस्टोरियस संन्यास लेकर बाबा बनने की इच्छा रखता है। उसने ईश्वर को समर्पित जीवन जीने और दूसरों की मदद करते हुए आध्यात्मिक जीवन जीने का संकल्प लिया है। जेल में रहते हुए भी पिस्टोरियस संत महात्माओं जैसा जीवन जी रहा है। वह जेल में बंद दूसरे कैदियों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक बन गया है। वह उन्हें बाइबिल पढ़ने और यीशु मसीह के आदर्शों पर चलने को कहता है। वह जेल से बाहर आकर भी बतौर प्रचारक अपना जीवन बिताएगा। हालांकि जेल में रहते हुए उसने अपनी जान को खतरा भी बताया, लेकिन समय के साथ उसका यह डर भी निकल गया।
गर्लफ्रेंड को गोलियों से छलनी कर दिया था
पिस्टोरियस ने वैलेंटाइन डे के दिन 14 फरवरी 2013 को अपनी गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप को गोली मार दी थी। पिस्टोरियस ने इसे गलती से हुआ मर्डर बताया था, क्योंकि रीवा उसे सरप्राइज देना चाहती थी, इसलिए वह बाथरूम में छिपी थी, लेकिन उसने उसे घुसपैठिया समझ लिया और गोली चला दी। ज्यादा खून बहने की वजह से अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। मार्च 2014 में कोर्ट का ट्रायल शुरू हुआ, लेकिन जानबूझकर किया गया गुनाह साबित नहीं हो पाया, लेकिन सितंबर 2014 में उसे गैर-इरादतन हत्या के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई। रीवा के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। दिसंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों ने की बेंच ने तर्क दिया कि निचली अदालत ने डोलस इवेंचुअलिस के नियम को ठीक से लागू नहीं किया, इसलिए पिस्टोरियर को 6 साल की सजा सुनाई गई। फिर से अपील किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा बढ़ाकर 13 साल 5 महीने कर दी।
पिस्टोरियस में ओलिंपिक में 7 बार इतिहास रचा
'ब्लेड रनर' ऑस्कर पिस्टोरियस का जन्म 20 नवंबर 1986 को जोहान्सबर्ग में हुआ था। बचपन में एक बीमारी की वह से उनकी दोनों टांगें काटनी पड़ी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। मां-बाप ने उन्हें स्पोर्ट्स के लिए प्रोत्साहित किया। स्कूल में वह वॉटर पोलो और रग्बी खेलते थे। रेसलिंग के गुर भी सीखे। इसके बाद स्प्रिंटर बनने की राह अपनाते हुए पिस्टोरियस ने कई इतिहास रचे। अपने शानदार करियर में उन्होंने 2004, 2005, 2006, 2007, 2008, 2011 और 2012 ओलिंपिक में कई गोल्ड मेडल जीते। स्टील से बने ब्लेड प्रॉस्थेटिक्स लेग की जगह पहने तो उन्हें ब्लेड रनर कहा गया। लंदन ओलिंपिक में पिस्टोरियस स्टील से बने ब्लेड पहनकर नॉर्मल एथलीट की तरह दौड़े तो पूरी दुनिया ने उनके जज्बे को सलाम किया, लेकिन एक गलती ने उनके करियर को बर्बाद कर दिया।
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