अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखने वाले हजारों भारतीय छात्रों के लिए एक नई चिंता सामने आई है। अब सिर्फ आपके अकादमिक रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि आपके सोशल मीडिया पोस्ट भी आपके वीजा के रास्ते में रोड़ा बन सकते हैं। ट्रंप प्रशासन ने स्टूडेंट वीजा को लेकर सख्ती बढ़ा दी है और नए नियम लागू करने की तैयारी है। अगर आपने कभी किसी राजनीतिक मुद्दे पर पोस्ट किया है, तो यह आपके वीजा आवेदन को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कि यह फैसला क्या है और इसका आप पर क्या असर हो सकता है।
नए अमेरिकी वीजा इंटरव्यू पर रोक
अमेरिका में पढ़ाई का सपना देख रहे भारतीय छात्रों को इस हफ्ते बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने दुनिया भर के अपने दूतावासों को निर्देश दिया है कि वे फिलहाल नए स्टूडेंट वीजा इंटरव्यू शेड्यूल न करें। बताया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन वीजा प्रक्रिया में सोशल मीडिया की गहन जांच को शामिल करने पर विचार कर रहा है। इससे भारतीय छात्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि वे बड़ी संख्या में अमेरिका की यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेते हैं।
भारतीय छात्रों पर बड़ा असर
2023-24 में अमेरिका में 3.3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इनमें से हजारों छात्रों को इस साल अगस्त में शुरू हो रहे सेशन के लिए वीजा की जरूरत है। हालांकि जिन छात्रों की वीजा अपॉइंटमेंट पहले से तय है, वे अपनी प्रक्रिया जारी रख सकते हैं। लेकिन जो छात्र अभी अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें इंतजार करना होगा। अगर यह प्रक्रिया लंबी चली, तो कई छात्रों का सेशन मिस हो सकता है।
US halts new student-visa interviews, eyes expansion of social media vetting of applicants
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— ANI Digital (@ani_digital) May 27, 2025
सोशल मीडिया से वीजा पर खतरा
ट्रंप प्रशासन की नीति में अब यह भी शामिल है कि वीजा देने से पहले छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच की जाएगी। कुछ हफ्ते पहले ही अमेरिका ने कई विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए थे, क्योंकि उन्होंने प्रोपलेस्टाइन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था या सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट की थी। इनमें कुछ भारतीय छात्र भी शामिल थे। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि छात्रों को पढ़ाई के लिए अमेरिका बुलाया जाता है, राजनीतिक गतिविधियों के लिए नहीं। हालांकि इन फैसलों को अदालत में चुनौती भी दी गई थी और कई वीजा बहाल किए गए थे।
छात्रों को क्या करना चाहिए
इस समय छात्रों को सलाह दी जा रही है कि वे धैर्य बनाए रखें और अपनी यूनिवर्सिटियों के इंटरनेशनल ऑफिस से संपर्क करें। यूनिवर्सिटियां आम तौर पर छात्रों को इस तरह की दिक्कतों से निपटने में मदद करती हैं। कुछ शिक्षा सलाहकार यह भी कह रहे हैं कि छात्र अमेरिका के अलावा अन्य देशों में भी आवेदन करने पर विचार करें। यह पूरी स्थिति ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी यूनिवर्सिटियों के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान का हिस्सा है। जब तक इस विवाद का समाधान नहीं होता, तब तक छात्रों को इसी तरह की रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।