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चीन का ट्रंप को करारा झटका, 7 साल में पहली बार अमेरिका से नहीं खरीदा सोयाबीन

US China Trade Tension: अमेरिका और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है. चीन ने पहली बार कड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका से सोयाबीन का आयात ही नहीं किया. सितंबर महीने में चीन का आयात जीरो रहा, जिसे अमेरिका के किसानों के लिए बड़ा झटका कहा जा सकता है.

चीन और ताइवान के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है.

US China Trade Tension: चीन ने अमेरिका को एक बड़ा झटका दिया है. चीन ने सितंबर महीने में अमेरिका से सोयाबीन नहीं खरीदा. 7 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि चीन ने अमेरिका से सोयाबीन इंपोर्ट नहीं किया. नवंबर 2018 के बाद पहली बार अमेरिका से सोयाबीन का इंपोर्ट जीरो रहा है. खुद चीन की ओर से इसकी जानकारी दी गई, जिससे दुनिया पर आर्थिक दबाव बना रहे अमेरिका का सोयाबीन कारोबार प्रभावित हो सकता है.

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ब्राजील-अर्जेंटीना से बढ़ाया आयात

कैपिटल जिंगडू फ्यूचर्स के एक्‍सपर्ट वान चेंगजी कहते हैं कि अमेरिका को टैरिफ के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं चीन ने ब्राजील और अर्जेंटीन से आयात बढ़ा दिया है. ब्राजील से चीन का आयात अब 29.9% यानी 10.96 मिलियन टन हो गया है और अर्जेंटीना से आयात बढ़ाकर 91.5% यानी 1.17 मिलियन टन कर दिया गया है. सितंबर में चीन से 12.87 मिलियन मीट्रिक टन सोयाबीन का आयात किया, लेकिन अमेरिका ने नहीं खरीदा.

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नहीं हुई अमेरिका-चीन ट्रेड डील

वहीं एग्रडार कंसल्टिंग के संस्थापक जॉनी जियांग कहते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील नहीं होने के कारण किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर दोनों देशों के बीच कोई ट्रेड डील नहीं होती है तो फरवरी से अप्रैल के बीच चीन को सोयाबीन नहीं मिलेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि वे चीन से सोयाबीन ट्रेड डील करेंगे और ऐसा जल्दी होगी, उम्मीद है कि चीन भी समझौते का प्रयास करेगा.

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चीन निकाल रहा टैरिफ की काट

बबता दें कि चीन की जिनपिंग सरकार ने अमेरिका के टैरिफ की काट के लिए एक बैठक बुलाई है, जिसमें अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के कारण आई आर्थिक मंदी पर विचार-विमर्श किया जाएगा और एक 5 वर्षीय योजना को भी मंजूरी दी जा सकती है. चीन की अर्थव्यवस्था इस बार गिरकर 4.8 प्रतिशत रह गई है, जबकि पिछली तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत थी. इस गिरावट का कारण टैरिफ हैं, जिससे अमेरिका और चीन के आयात-निर्यात पर असर पड़ा और चीन में बेरोजगारी 20 प्रतिशत हो गई. 5 वर्षीय योजना का मकसद चीन में आई मंदी से निपटना, रोजगार के अवसर पैदा करना और घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना होगा.


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