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तंजानिया में कैसे हुआ 700 लोगों का ‘नरसंहार’? विपक्षी दलों का चौंकाने वाला दावा

तंजानिया में चुनावी विवाद के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों में भारी हिंसा देखने को मिल रही है. विपक्षी दलों का दावा है कि अब तक 700 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने केवल 10 मौतों की पुष्टि की है. अलजजीरा के मुताबिक, चाडेमा पार्टी का कहना है कि उनके कार्यकर्ताओं ने देशभर के अस्पतालों में जाकर मौतों की पुष्टि की है. हालांकि सरकार ने कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है.

तंजानिया में 700 लोगों के मौत की खबर

तंजानिया में विरोध प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबर है. विपक्षी दलों का दावा है कि मरने वालों की संख्या काफी अधिक है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उसके पास विश्वसनीय रिपोर्ट है कि इस प्रदर्शन में 10 लोग मारे गए, हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा 700 से अधिक है.

अलजजीरा के अनुसार, चादेमा पार्टी के प्रवक्ता जॉन किटोका ने शुक्रवार को बताया कि इस समय [दार-एस-सलाम] में मरने वालों की संख्या लगभग 350 है और म्वांजा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. अगर हम देश के अन्य स्थानों के आंकड़ों को भी जोड़ दें तो कुल मिलाकर लगभग 700 लोगों की मौत हुई है. चाडेमा ने आगे कहा कि उनके सदस्यों ने यह आंकड़ा हासिल करने के लिए देश भर के अस्पतालों का दौरा किया है.

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तंजानिया सरकार ने कहा- सुरक्षा बल कर रहे काम

हालांकि तंजानिया सरकार ने घायलों या मृतकों की संख्या को लेकर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. इतना जरूर कहा है कि छिटपुट घटनाओं के बाद व्यवस्था बहाल करने के लिए सुरक्षाबल काम कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता सेफ मगांगो ने जिनेवा के पत्रकारों को बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक सुरक्षा बलों के हाथों कम से कम 10 मौतें हुई हैं.

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मगांगो ने उसी ब्रीफिंग में कहा, "हम सुरक्षा बलों से आह्वान करते हैं कि वे प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध अनावश्यक, घातक और खतरनाक तरीके से बल का प्रयोग न करें और तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें."

क्यों शुरू हुआ विवाद?

जानकारी के मुताबिक, विवादास्पद और अव्यवस्थित चुनावों को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए क्योंकि चुनावों में दो प्रमुख विपक्षी दलों को भाग लेने से बाहर कर दिया गया. देश की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने चुनाव में जीत दर्ज की और आलोचकों को दबाने की कोशिश की. इसके बाद बुधवार को दार-ए-सलाम और अन्य शहरों में लोग प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर गए. उनके पोस्टर फाड़ने की कोशिश की और पुलिस के साथ कहासुनी, मतदान केंद्रों पर हमला करने के बाद स्थिति बिगड़ गई है. इसके बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया. अब विपक्ष ने दावा किया है कि इस घटना में 700 से अधिक लोग मारे गए हैं.


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