Taiwan To Give Mental Health Leave For Students : अगर किसी की तबीयत खराब होती है तो उसे काम पर या स्कूल-कॉलेज न जाने और आराम करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से ठीक महसूस नहीं कर रहा है तब ऐसा नहीं होता। उसे आराम करने की जगह उसका काम करने के लिए ही कहा जाता है। लेकिन, अब एक देश इस तरीके को बदलने की तैयारी कर रहा है। इस देश में छात्रों के लिए मेंटल हेल्थ लीव की व्यवस्था लाई जा रही है।
#FirstpostAmerica: High schools in Taiwan are planning to offer “mental health leave” to students this month. The authorities have decided to introduce a mental health leave policy amid rising rates of youth suicides and high levels of stress and depression. | @EKH2016 pic.twitter.com/G8ze1Ost0h
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इस देश का नाम ताइवान है। यहां के हाईस्कूलों में छात्रों को मेंटल हेल्थ से जुड़े उन मुद्दों को लेकर छुट्टियों की पेशकश की जाएगी जिनका वह सामना कर रहे हैं। इसे लेकर ताइवान के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल इस व्यवस्था को ट्रायल रन के तौर पर लागू किया जा रहा है। इस महीने 40 से अधिक हाईस्कूल इसमें शामिल हो चुके हैं। इसके तहत मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी परेशानी से जूझ रहे छात्रों को हर सेमेस्टर में तीन दिन तक की छुट्टी के लिए आवेदन करने का अधिकार होगा।
बिना कारण बताए मिलेगी छुट्टी
रिपोर्ट्स के अनुसार छात्रों को ये छुट्टियां लेने के लिए स्कूल में डॉक्टर का नोट या अभिभावकों की अनुमति जैसा कोई सबूत नहीं दिखाना होगा। वह बिना कोई कारण बताए आधे या पूरे दिन की छुट्टी ले सकेंगे। यह ट्रायल युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने और छात्रों में तनाव के स्तर को कम करने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि यहां की कुछ यूनिवर्सिटी और स्कूलों में पहले ही छात्रों को मेंटल हेल्थ लीव दी जा रही है। अब देश की सरकार ने भी ऐसा करने की तैयारी कर ली है।
There’s already a policy for 3-5days of leave for mental health for most university students in Taiwan. MOE now expanding the project to high schools.
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आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी
इस प्रोग्राम को ताइवानी छात्रों के बीच आत्महत्या और अन्य मानसिक मुद्दों में आई बढ़ोतरी को देखते हुए लाया गया है। साल 2022 में यहां आत्महत्याओं का आंकड़ा 3787 था जो पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा था। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार साल 2014 से साल 2022 के बीच 15 से 24 साल की आयु वाले लोगों के बीच आत्महत्या की दर दोगुने से अधिक रही थी। यहां कराए गए एक सर्वे में पता चला था कि 12 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने गंभीर तनाव की स्थिति में होने की बात कही थी।
यहां की नेशनल सुन यात-सेन यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजिस्ट सियाओ चिह सिएन का कहना है कि मेंटल हेल्थ लीव की योजना सही दिशा में उठाया गया कदम है। यह कई मायनों में प्रभावी है। इससे छात्रों को मानसिक समस्याओं से उबरने में काफी मदद मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर मानसिक समस्याओं को सामान्य तरीके से देखा जाने लगे तो छात्रों को इससे उबरने के लिए मदद मांगने में काफी मदद मिलने लगेगी। कई छात्रों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।