यूके में गार्ड जितने चोर दुकानों से पकड़ते हैं, उनमें 80 फीसदी को गिरफ्तार नहीं करती पुलिस
Police careless in theft cases in UK: इंग्लैंड में पुलिस के बारे में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। यहां की पुलिस के बारे में पता लगा है कि चोरी में दुकानों से दबोचे गए 80 फीसदी लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है। चोरी से बचने के लिए यहां पर दुकानों में गुप्त तौर पर फर्म विशेषज्ञ गार्डों, पूर्व में पुलिस या सेना में काम कर चुके लोगों को रखा जाता है।
सीरिज के अभियान और सार्वजनिक मामलों के निदेशक पॉल जेरार्ड की ओर से भी इसको लेकर अपनी बात रखी गई है। उनका कहना है कि यहां से जब भी किसी चोर को गार्ड पकड़ते हैं। सबसे पहले सूचना पुलिस को दी जाती है। लेकिन 80 प्रतिशत लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कभी आई ही नहीं।
कई बार घंटों तक नहीं आती पुलिस
हम चोर को पकड़ते भी है, सीसीटीवी फुटेज भी होती है। लेकिन वे लोग चोर को कब तक काबू रखेंगे। कई बार तो घंटे से ज्यादा समय निकल जाता है। लेकिन पुलिस नहीं आती। जिसके बाद हमारे पास भी चोर को जाने देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता है। जेरार्ड बताते हैं कि ऐसी स्थिति में हमारे ऊपर खतरा और भी हो जाता है। क्योंकि यहां से चोर को पता लग जाता है कि पुलिस तो अरेस्ट करेगी नहीं। इसलिए पकड़े जाने को कोई भय नहीं रहता है।
2014 के बाद से एक पुराने कानून में बदलाव किया गया था। जिसमें प्रावधान किया गया था कि 200 पाउंड से कम की चोरी को मामूली अपराध माना जाएगा। जिसके तहत सिर्फ 70 पाउंड का डाक जुर्माना ही लगाया जाएगा। लोग चाहते हैं कि पुलिस सभी मामलों में जांच करे। कुछ पुराने कानूनों को बदला जाए। कई ऐसी मार्केट हैं, जहां पर हजारों दुकानदार चोरों की वजह से परेशान हैं।
हिंसा के मामलों में 25 फीसदी तक इजाफा
पिछले साल के बजाय 2023 के आंकड़े बताते हैं कि 8 महीने में सहकारी समितियों की दुकानदारी में 41 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। यहां कर्मियों के खिलाफ 25 फीसदी तक हिंसा बढ़ी है। हर रोज 4 से 5 केस हो रहे हैं। पूरे यूके में आंकड़ा 1 हजार पार है। कई बार तो हमला इतना तेज होता है कि इसमें हड्डियां तक टूट जाती हैं। चोरों के पास नुकीले हथियार या सीरिंज तक होती हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.