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History: 14000 फीट ऊंचाई पर प्लेन के टॉयलेट में आग, इमरजेंसी लैंडिंग के समय पायलट की गलती से मरे 123 पैसेंजर

Today History in Hindi: आज के दिन 51 साल पहले भीषण विमान हादसा हुआ था। आसमान में प्लेन के अंदर एक घटना हुई, पैसेंजरों की जान बचाने के लिए इमरजेंसी लैंडिंग कराने की कोशिश की तो वह भी महंगी पड़ गई। आइए जानते हैं कि हादसा कब और कैसे हुआ था?

ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस ने बचाव अभियान चलाया था।
Varig Flight 820 Crash Memoir: फ्लाइट ने टेकऑफ किया और पहले पड़ाव में अपनी हाइट पर पहुंची तो अचानक प्लेन के टॉयलेट में आग लग गई। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का विकल्प चुना, लेकिन लैंडिंग करते समय पायलट लैंडिंग गियर खोलना भूल गया और उसने प्लेन की बैली लैंडिंग कराई, जिससे इमरजेंसी लैंडिंग करते समय प्लेन में आग लग गई और वह खेतों में गिर गया। इस तरह पायलट की गलती के कारण 123 लोग मारे गए। कुछ पैसेंजर आग में झुलसने से मरे तो कुछ पैसेंजरों की मौत आग के धुएं से बनी जहरीली कार्बन-मोनो-ऑक्साइड में सांस लेने से हुई। प्लेन एयरपोर्ट से 5 किलोमीटर (3.1 मील; 2.7 नॉटिकल मील) पहले क्रैश हो गया था। 11 लोग ही जिंदा बचे थे, जिनमें 10 क्रू मेंबर्स और एक पैसेंजर शामिल था। कैप्टन एंटोनियो फ़ुज़िमोटो पायलट थे, जिन्होंने प्लेन को खेत में उतारा। हादसे का कारण लैंडिंग गियर न खोलना और प्लेन की बेली लैंडिंग कराना रहा।  

इंटरनेशनल फ्लाइट ब्राजील से फ्रांस जा रही थी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 51 साल पहले 11 जुलाई 1973 को फ्रांस में हुआ था। ब्राजीलियाई एयरलाइन वैरिग की फ्लाइट 820 ने 117 पैसेंजर्स और 17 क्रू मेंबर्स के साथ उड़ान भरी थी। बोइंग 707 प्लेन था और ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर में बने गैलेओ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्रांस के पेरिस शहर में बने ओरली इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक फ्लाइट जानी थी। 4 फ्लाइट क्रू, 4 रिलीफ फ्लाइट क्रू और 9 केबिन क्रू थे। फ्लाइट के कैप्टन गिल्बर्टो अराउजो दा सिल्वा थे। फर्स्ट ऑफिसर अल्वियो बासो, फ्लाइट इंजीनियर क्लाउनर बेलो और नेविगेटर जिल्मर गोम्स दा कुन्हा थे। रिलीफ फ्लाइट क्रू में कैप्टन एंटोनियो फुजीमोतो, फर्स्ट ऑफिसर रोनाल्ड उटेरमोहल, फ्लाइट इंजीनियर कार्लोस नाटो डिफेंथेलर और नेविगेटर सल्वाडोर रामोस हेलेनो थे। यह भी पढ़ें:फ्लाइट में महिला पैसेंजर के साथ ऐसी हरकत, एयरलाइन से मांगा 15 लाख मुआवजा

मरने वालों में ज्यादातर लोग ब्राजील के थे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्लेन के टॉयलेट में आग लग गई थी, जिससे काला धुंआ केबिन में भर गया। पैसेंजरों को इमरजेंसी केबिन में शिफ्ट किया गया, लेकिन जहरीली गैस के कारण उनका दम घुटने लगा। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की कॉल दी और ओरली एयरपोर्ट में इमरजेंसी लैंडिंग कराने की कोशिश की, लेकिन रनवे पर आने से पहले प्लेन क्रैश हो गया। पायलट क्रू में मेंबर्स कैप्टन अराउजो दा सिल्वा, फर्स्ट ऑफिसर बासो, फ्लाइट इंजीनियर बेलो, नेविगेटर गोम्स दा कुन्हा, रिलीफ कैप्टन फुजिमोटो, चीफ पर्सर गैलेटी और अटेंडेंट पिरेस डी ओलिवेरा और पिहा कॉकपिट में थे, जिन्हें वहां से निकाल लिया गया। रिलीफ नेविगेटर हेलेनो, अटेंडेंट बाल्बिनो और एक पैसेंजर बेहोश मिला, लेकिन बाल्बिनो और पैसेंजर को हादसास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन हेलेनो की अस्पताल में उपचार के दौन मृत्यु हो गई। प्लेन में सवार ज्यादातर पैसेंजर ब्राजील के थे। यह भी पढ़ें:31000 फीट ऊंचाई पर प्लेन पर बिजली गिरी, 500 पैसेंजरों की जान खतरे में पड़ी; जानें पायलट ने कैसे बचाया?


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