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साढ़े 4 घंटे 1000 लोगों ने ढूंढा और…2600 फीट ऊंचाई, तूफान-बारिश; पायलटों ने पहाड़ में ठोका जहाज

Air Inter Flight 148 Crash Anniversary: 32 साल पहले आज के दिन पायलटों की गलती के कारण पहाड़ों से टकराकर जंगल में गिर गया था। जानिए क्या हुआ था 20 जनवरी 1992 को?

32 साल पहले पहाड़ से टकराकर जंगल में गिरे जहाज का मलबा।
Air Inter Flight 148 Crash Story: कहते हैं जब कई लोगों की जिम्मेदारी कंधे पर हो तो आंख-नाक-कान सब खुले रखने चाहिए, लेकिन 2 पायलटों ने 96 लोगों को जहाज में एक से दूसरे शहर में पहुंचाना बाएं हाथ का खेला समझा और अनुभव की कमी ने सभी 96 लोगों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया। दोनों पायलट जहाज को संभाल नहीं पाए। 2600 हजार फीट की ऊंचाई पर 650 मील प्रति घंटे की रफ्तार हो गई और जहाज सीधे पहाड़ में जा घुसा। करीब एक हजार लोग साढ़े 4 घंटे तक जहाज को तलाशते रहे और फिर जब जहाज मिला तो उसकी हालत देखकर चौंक गए। उस हादसे में 87 लोग मारे गए थे। सिर्फ 9 लोग जिंदा थे, लेकिन उनकी हालत काफी गंभीर थी। यह कहानी है उस एयर इंटर फ्लाइट 148 के क्रैश होने की, जिसके पायलटों की गलती की सजा 87 लोगों को जान देकर चुकानी पड़ी।  

1992 में फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में हुआ था हादसा

आज से 32 साल पहले 20 जनवरी 1992 की रात को एयर इंटर एयरलाइंस के एयरबस A320 ने फ्रांस के ल्योन सातोलास एयरपोर्ट से फ्रांस के ही स्ट्रासबर्ग एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी, लेकिन खराब मौसम और तेज बारिश-तूफान के चलते जहाज माउंट सेंट ओडिले के पहाड़ से टकरकार घने जंगलों में गिर गया। 87 लोग मारे गए। जीवित बचे 9 लोगों ने जमा देने वाली ठंडी रात में एक-दूसरे को जिंदा बचाए रखने के लिए घंटों संघर्ष करते रहे। जांच में सामने आया कि हादसा खराब डिजाइन वाले यूजर इंटरफेस, अनुभवहीन पायलटों और मौसम की खराबी के कारण हुआ। इस तरह प्राकृतिक और मानवीय दोनों कारक हादसे का जिम्मेदार ठहराए गए।   दोनों पायलटों को बोइंग A320 उड़ाने का अनुभव नहीं था फ्लाइट की कमान कैप्टन क्रिश्चियन हेक्केट और फर्स्ट ऑफिसर जोएल चेरुबिन थे। हालांकि दोनों अनुभवी पायलट थे, लेकिर A320 के लिए नए थे। कैप्टन हेक्क्वेट के पास 162 घंटे और चेरुबिन के पास सिर्फ 61 घंटे फ्लाई करने का अनुभव था, लेकिन जैसे ही फ्लाइट स्ट्रासबर्ग के पास पहुंची, मौसम खराब हो गया। बारिश और तूफान से जहाज डगमगाने लगा। दोनों पायलटों को 5000 फीट की ऊंचाई से रनवे पर लैंड करने को कहा गया, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 2620 फीट की ऊंचाई पर जहाज की स्पीड इतनी बढ़ गई कि वह रनवे पर आने की बजाय सीधा चला गया और पहाड़ों से टकरा दिया। दोनों पायलट उसे कंट्रोल नहीं कर पाए। रेडियो ऑपरेटरों की टीम ने ब्लैक बॉक्स को ट्रेस हादसाग्रस्त हुए जहाज की लोकेशन ट्रेस की, लेकिन 3 हेलिकॉप्टर, 24 बाइक राइडर्स, पुलिस, बचाव दल के एक हजार लोगों ने पूरा जंगल खंगाल दिया। करीब 4 घंटे 15 मिनट बाद जब जहाज मिला तो सब कुछ तबाह हो चुका था।


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