Pakistan vs Afghanistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर पाकिस्तान के एक पूर्व सीनेटर की कार को निशाना बनाते हुए हमला किया गया। घटना में पूर्व सीनेटर समेत 5 लोगों की मौत होने की खबर है। आशंका जताई जा रही है कि इस घटना के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव और बढ़ सकता है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या दुनिया एक और जंग का सामना करने जा रही है? बता दें कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक का प्रकार तय करने के लिए जांच की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व सीनेटर हिदायतुल्लाह खान अपने दो साथियों और 2 पुलिस गार्ड के साथ बजौर जिले में थे जब उनकी गाड़ी पर हमला हुआ। यह जगह अफगान सीमा से सिर्फ 45 किलोमीटर दूर है। इस इलाके में उग्रवाद साल 2021 से लगातार बढ़ रहा है जब काबुल का कंट्रोल तालिबान के हाथ में चला गया था। बता दें कि हिदायतुल्लाह खान 11 जून को होने वाले उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। पुलिस के अनुसार हमला करने वालों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक्टिव है ये आतंकी संगठन
उल्लेखनीय है कि इसी जिले में इस साल जनवरी में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक एक आम चुनाव में उम्मीदवार की भी हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ग्रुप के स्थानीय चैप्टर ने ली थी। बता दें कि इस क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और इससे जुड़े आतंकी संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। ये लोग बड़े तौर पर सुरक्षा अधिकारियों को निशाना बनाते आए हैं। यह संगठन अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है लेकिन दोनों संगठनों की विचारधारा एक जैसी ही है।
आज के हमले की नहीं ली है किसी ने जिम्मेदारी
हालांकि, आज हुए हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है। टीटीपी ने इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया है। पिछले महीने पाक सरकार ने ऐलान किया था कि वह उग्रवाद के खिलाफ सशस्त्र बलों की सहायता के लिए नया काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन शुरु करेगी। ध्यान देने वाली बात है कि आतंकवाद की पनाहगाह कहा जाने वाला पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद से परेशान है। उसे वो सांप डस रहा है जिसे वह खुद लंबे समय से दूध पिला रहा था और जिसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा था।