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MIT की साइंटिस्ट ने बनाया अनोखा उपकरण, ब्रा में लगाने पर डिटेक्ट करेगा ब्रेस्ट कैंसर

Scientist Developed device detect breast cancer: एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा पेशेंट ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि साल 2020 में 23 लाख महिलाओं में कैंसर की गंभीर बीमारी के बारे में पता लगा था और इनमें से छह लाख 85 हजार मरीजों की […]

Edited By : khursheed | Updated: Oct 18, 2023 18:15
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MIT की साइंटिस्ट ने बनाया अनोखा उपकरण, ब्रा में लगाने पर डिटेक्ट करेगा ब्रेस्ट कैंसर

Scientist Developed device detect breast cancer: एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा पेशेंट ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि साल 2020 में 23 लाख महिलाओं में कैंसर की गंभीर बीमारी के बारे में पता लगा था और इनमें से छह लाख 85 हजार मरीजों की जान चली गई थी। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, अगर शुरू में ही बेस्ट कैंसर के बारे में पता चल जाए तो मरीज के पांच साल जीने की दर 99 फीसदी तक बढ़ जाती है। ब्रेस्ट कैंसर की बढ़ती बीमारी के मद्देनजर तुर्की की एक महिला वैज्ञानिक ने एक ऐसा ही उपकरण बनाया है कि उसकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।

ब्रा में लगाने पर डिटेक्ट करेगा ब्रेस्ट कैंसर

तुर्की की वैज्ञानिक डॉक्टर जानान दादेविरेन ने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एमआईटी) की मीडिया लैब में अपनी टीम के साथ मिलकर एक ऐसा उपकरण तैयार किया है। जिसको ब्रा में लगाने से ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकता है। दादेविरेन ने बताया कि जिन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है, उन्हें मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती है। उनके लिए ये उपकरण मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस उपकरण की मदद से मरीज की जीवित रहने की दर बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि जिन महिलाओं में देर से ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चलता है, उनके जीवित रहने की दर केवल 22 फीसदी है।

कैसे काम करता है ये उपकरण

इस उपकरण में अलग-अलग जगहों पर अल्ट्राउंड कैमरे लगे होते हैं। जिसको ब्रा के अंदर पहनने के बाद ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकता है। इस कैमरे को अलग-अलग खांचों में रखने पर हर तरफ से ब्रेस्ट की जांच की जा सकती है। डॉक्टर दादेविरेन कहती हैं कि यह 0.3 सेंटीमीटर छोटी गांठों का भी पता लगा सकता है। शुरू में बनने वाली गांठों का आकार इतना ही होता है। इसका मतलब है कि किसी तरह की असामान्यता का पता लगाने में यह उपकरण बहुत सटीक है।

First published on: Oct 18, 2023 06:15 PM

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