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भारतीय मूल के वकील ने जजों पर उठाए सवाल, कोर्ट ने 21 दिन के लिए भेजा जेल

Indian Origin Lawyer in Singapore Sentenced to Jail for Contempt of Judge: जब न्यायमूर्ति हू शेउ पेंग ने उन्हें अवमानना के नौ मामलों के लिए दोषी पाया, तो मदासामी ने अपने बचाव में कहा कि अवमानना के समय मानसिक विकार से पीड़ित थे।

Indian Origin Lawyer in Singapore Sentenced to Jail for Contempt of Judge: भारतीय मूल के एक वकील को साल 2021 में अलग-अलग अदालती कार्यवाहियों में न्यायाधीशों के सामने अवमानना का दोषी पाया गया है। इसके बाद बुधवार को सिंगापुर की एक कोर्ट ने वकील को 21 दिनों की जेल की सजा सुनाई है। द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 54 वर्षीय रवि मदासामी ने जस्टिस ऑड्रे लिम पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इस पर कोर्ट ने उन्हें रोका और कहा कि वह एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमे के लिए कोर्ट में आए हैं। उन्हें असभ्य नहीं होना चाहिए। आरोप है कि इसके बाद भी उन्होंने जिला न्यायाधीश चाय यूएन फैट पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया। मार्च 2023 में जब न्यायमूर्ति हू शेउ पेंग ने उन्हें अवमानना के नौ मामलों के लिए उत्तरदायी पाया, तो मदासामी ने अपने बचाव में कहा कि अवमानना के समय मानसिक विकार से पीड़ित थे।

पांच साल के लिए किया गया है निलंबित

अटॉर्नी-जनरल, अभियोजकों और लॉ सोसायटी के खिलाफ निराधार और गंभीर आरोप लगाने के लिए उन्हें पांच साल के लिए निलंबित किया गया है। बुधवार को मदासामी को सजा सुनाते हुए न्यायमूर्ति हू ने कहा कि दोबारा हुई घटना से उनकी आत्म-नियंत्रण और संयम बरतने की क्षमता में कोई कमी नहीं आई है। यह अत्यधिक निंदनीय है कि वकील ने कार्यवाही के दो मामलों में क्लाइंट के लिए काम करते हुए अवमाननापूर्ण कार्य किया। 20 वर्षों तक वकील रहे रवि मदासामी ने कहा कि वह अपनी मानसिक स्थिति के लिए कुछ दिनों में दवाएं लेना भी भूल गए हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति हू ने कहा कि अपनी मानसिक स्थिति से अवगत होने के बावजूद रवि मदासामी ने एक वकील के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए विकार के प्रभावों से बचाव के लिए कुछ नहीं किया।

वकील रवि मदासामी पर ये भी आरोप लगे

पिछले महीने सिंगापुर में राष्ट्रपति चुनाव से पहले कूलिंग-ऑफ अवधि के दौरान सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर करने के लिए मदासामी के खिलाफ एक पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। सितंबर में मरिअम्मन मंदिर में एक महिला को थप्पड़ मारने के बाद उन पर सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार के चार आरोप लगाए गए थे। दिसंबर 2020 में उन पर भारतीय मूल के कानून मंत्री के. षणमुगम की मानहानि का भी आरोप लगाया गया था, लेकिन अटॉर्नी-जनरल के चैंबर्स ने बाद में आरोप वापस ले लिए थे। दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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