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India ताइवान को देगा एक लाख से अधिक श्रमिक, लेकिन फैसले से नाराज होगा चीन आखिर क्यों?

India Taiwan Labour MOU: भारत करीब एक लाख श्रमिक ताइवान को देने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस फैसले से चीन नाराज होगा, आखिर क्यों जानिए?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 10, 2023 16:02
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India Taiwan Relations
India Taiwan Relations

India Taiwan Signing MOU For One Lakh Workers: भारत करीब एक लाख श्रमिक ताइवान को देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच दिसंबर 2023 की शुरुआत में समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है, क्योंकि ताइवान की बड़ी आबादी बुजुर्ग होने जा रही है और भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी आबादी है, जिन्हें नौकरियों की जरूरत है, लेकिन भारत के इस फैसले से चीन के नाराज होने की संभावना है, जो ताइवान के साथ किसी भी तरह के आधिकारिक आदान-प्रदान का विरोध करता है, जबकि भारत श्रमिकों से जुड़ा समझौता करके ताइवान के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है।अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ताइवान कारखानों, खेतों और अस्पतालों में काम करने के लिए एक लाख से अधिक भारतीयों को काम पर रख सकता है, लेकिन इसकी चर्चा अभी अंदरखाते चल रही है।

 

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ताइवान 2025 तक ‘सुपर एज्ड’ देश बन जाएगा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि भारत-ताइवान के बीच नौकरियों को लेकर समझौता अब बातचीत के अंतिम चरण में है। ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा संपर्क किए जाने पर ताइवान के श्रम मंत्रालय ने समझौते पर विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि वह उन देशों के सहयोग का स्वागत करते हैं, जो हमारे लोगों को श्रम प्रदान करेगा। ताइवान 2025 तक ‘सुपर एज्ड’ देश बन जाएगा, जहां आबादी के 5वें हिस्से से अधिक बुजुर्ग लोगों की आबादी होने का अनुमान है। वहां बेरोजगारी दर 2000 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गई है। ऐसे में ताइवान की सरकार को अपनी 790 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता है। ताइवान भारतीय कामगारों को अच्छा वेतन और बीमा पॉलिसियां भी ऑफर कर रहा है।

गलवान झड़प के बाद भारत-चीन सबंध खराब

दूसरी ओर भारत इस साल चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। अब तक भारत सरकार ने जापान, फ्रांस और यूके सहित 13 देशों के साथ रोजगार संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। नीदरलैंड, ग्रीस, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड के साथ इसी तरह की व्यवस्था पर चर्चा चल रही है। बता दें कि ताइवान पर चीन अपना कब्जा जताता है। ताइवान एक तरह समुद्र के रास्ते चीन से सटा है तो हिमायल के साथ भारत से सटा है। यह पिछले दो दशकों से भारत के आयात का शीर्ष स्रोत भी रहा है। वहीं साल 2020 में सीमा पर झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, जो 4 दशकों में अब तक का सबसे खराब मामला है। तब से दोनों देशों ने हजारों सैनिकों, तोपखाने बंदूकों और टैंकों को हिमालय क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया है। अब ताइवान का मुद्दा उठने जा रहा है।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 10, 2023 04:00 PM

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