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‘अपने देश में नस्लवाद-भेदभाव मिटाएं’, अल्पसंख्यकों पर स्विट्जरलैंड की टिप्पणी को भारत ने बताया भ्रामक

India Slams Switzerland: भारत में अल्पसंख्यकों पर स्विट्जरलैंड ने टिप्पणी की, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। UNHRC में भारत की ओर से राजनयिक क्षितिज त्यागी ने बयान दिया। उन्होंने स्विट्जरलैंड की टिप्पणी को भ्रामक और गलत बताया। साथ ही भारत को उपदेश देने की बजाय अपने देश पर ध्यान देने की सलाह दी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Sep 11, 2025 07:37
Kshitij Tyagi | Indian Diplomat | UNHRC
भारत ने स्विट्जरलैंड की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

India Responds Switzerlands: भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर स्विट्जरलैंड ने टिप्पणी की थी, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत की ओर से राजनयिक क्षितिज त्यागी ने मानवाधिकार परिषद के 60वें सेशन की 5वीं बैठक में बयान दिया। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर स्विट्जरलैंड की टिप्पणी को आश्चर्यजनक, भ्रामक और गलत जानकारी पर आधारित बताया। भारत को उपदेश देने की बजाय अपने देश में फैले नस्लवाद, भेदभाव और जेनोफोबिया को खत्म करने की सलाह दी।

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क्षितिज त्यागी ने स्विट्जरलैंड को दिखाया आइना

क्षितिज त्यागी ने कहा कि भारत बहुलवाद की मजबूत परंपरा वाला देश है। दुनिया का सबसे बड़े, सबसे विविध और जीवंत लोकतंत्र है। भारत नस्लवाद और भेदभाव को खत्म करने में स्विट्जरलैंड की मदद कर सकता है। स्विटजरलैंड वैश्विक मंचों पर मानवाधिकारों की वकालत करता आया है, लेकिन हैरानी की बात है कि स्विट्जरलैंड में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और नस्लवाद होता है, जिस पर आज तक अंकुश नहीं लगाया जा सका।

स्विट्जरलैंड संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का अध्यक्ष है, इसलिए उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। UNHC का अध्यक्ष होने के नाते स्विट्जरलैंड की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे झूठे और अवास्तविक बयान न दे। बता दें कि स्विट्जरलैंड ने टिप्पणी की थी कि वह भारत से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के लिए तैयार है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने का आह्वान भी करता है।

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स्विटजरलैंड ने क्या है अल्पसंख्यकों की स्थिति?

बता दें कि स्विटजरलैंड बहुभाषी देश है। यहां 4 भाषाएं जर्मन, फ्रेंच, इटालियन और रोमांश बोली जाती हैं। साल 2023 तक स्विटजरलैंड की आबादी 9 मिलियन है, जिसमें 40% यहां के अपने लोग और 31 प्रतिशत अप्रवासी हैं। 69.3% स्विस जर्मन, 4.2% जर्मन, 3.2% इटालियन, 2.5% पुर्तगाली, 2.1% फ्रेंच, 1.1% कोसोवो, 1% तुर्की और 16.6% प्रतिशत अन्य देशों के लोग रहते हैं। स्विस-जर्मन भाषा करीब 60 प्रतिशत लोग बोलते हैं और फ्रेंच, इटालियन और रोमांश भाषा बोलने वाले लोग अल्पसंख्यक हैं। रोमांश 0.5% आबादी बोलती है, जिसे 1938 में राष्ट्रीय भाषा घोषित किया गया था।

First published on: Sep 11, 2025 07:14 AM

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