भारत आ रहे कार्गो शिप ‘गैलेक्सी लीडर’ के Hijack में वीडियो आया सामने; हूती विद्रोहियों ने हेलीकॉप्टर का किया इस्तेमाल
नई दिल्ली: लाल सागर में कार्गो शिप के अपहरण की घटना में सोमवार को एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हथियारबंद हूती विद्रोही किस तरह हेलीकॉप्टर की मदद से इस जहाज को अपने कब्जे में ले रहे हैं। इस घटना के विश्वपटल पर आने के बाद पिछले दो दिन से दुनिया के कई देशों की टेंशन बढ़ी हुई हैं, क्योंकि इस पर विभिन्न देशों के 52 लोग सवार बताए जा रहे हैं। यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने सोमवार को खुद यह वीडियो जारी किया है।
बता दें कि रविवार को लाल सागर में एक मालवाहक समुद्री जहाज का अपहरण कर लिए जाने की घटना सामने आई थी। पहले इस जहाज के इजराइल की एक फर्म के स्वामित्व वाला बताया जा रहा था, लेकिन बाद में इजराइल की सेना ने इसके अपना और इसमें सवार लोगों में से भी किसी के अपना नागरिक होने की बात से इनकार कर दिया था। हालांकि यह वाकया इजराइली सेना और हमास आतंकियों के अंतरयुद्ध के बीच उस संगठन के द्वारा अंजाम दिया गया है, जो इस जंग में हमास के साथ खड़ा है।
रिपार्ट्स के मुताबिक कार्गो (मालवाहक) शिप को ईरान से समर्थन प्राप्त कथित आतंकवादी संगठन ने हाईजैक कर लिया, जिसे हूती के नाम से जाना जाता है। इस शिप में अलग-अलग देशों के कुल 52 लोग भी सवार बताए जा रहे हैं। हालांकि इस पर इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपने हैंडलर से एक पोस्ट शेयर करके दुख जताया गया है। खास बात यह है कि भले ही इस जहाज के इजराइली होने से इनकार किया जा रहा है, लेकिन इजराइल इस घटना को लेकर पर खेद भी प्रकट कर रहा है।
दूसरी ओर X पर क्रिप्टो पंकर्ड नामक हैंडलर से जो जानकारी शेयर की गई है, वह और भी चौंकाने वाली है। बताया गया है कि गैलेक्सी लीडर नामक यह जहाज इंडियन रजिस्टर्ड है और इस पर बाहमास का फ्लैग है। सोमवार को इस घटना का एक वीडियो हाईजैकर्स ने जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह हथियारों और हेलिकॉप्टर्स के बल पर इस जहाज का अपहरण कर लिया गया।
हूतियों की क्या दुश्मनी है इजराइल से?
उधर, बात आती है कि हूती हैं कौन और इनकी इजराइल के साथ क्या दुश्मनी है तो इसके जवाब में सबसे पहले बता दें कि 1990 में यमन के राष्ट्रपति रहे अली अब्दुल्लाह सालेह की तानाशाही का अंत करने के मकसद से मौलवी बद्र अल दीन अल हूती ने अपने बेटे हुसैन हूती के साथ मिलकर एक संगठन बनाया गया था, जो एक जाति पर आधारित है। जायदी शिया संप्रदाय से जुड़े एक बड़े कबीले हूती की आबादी का ज्यादातर हिस्सा यमन के उत्तरी-पश्चिमी सादा प्रांत में रहता है। राजधानी सना के साथ-साथ पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी इलाकों पर भी ये कब्जा जमाए हुए हैं। इसी संगठन की वजह से यमन में 2014 से गृहयुद्ध चल रहा है। माना जाता है कि ईरान की शह पर हूती भी हमास और हिजबुल्लाह की तरह काम करते हैं। दूसरी ओर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यमन सरकार के साथ हैं। अब जबकि इजराइल में हमास ने हमला बोल दिया तो वहीं उसके साथ हिजबुल्लाह और हूती भी इजराइल के खिलाफ हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.