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कनाडा में होगी गैंगवार, जस्टिन ट्रूडो भी नहीं बचेंगे! भारत ने बार-बार किया था सतर्क

Gang War in Canada: खालिस्तानियों को लेकर भारत के खिलाफ बयान देने वाले कनाडा के सामने अब एक नई समस्या खड़ी होती दिखाई दे रही है। शीर्ष कनाडाई अधिकारी अब इस समस्या से निपटने के रास्ते खोज रहे हैं। बताया गया है कि कनाडा में अब गैंगवार हो सकती हैं। न्यूज साइट एचटी की एक […]

Gang War in Canada: खालिस्तानियों को लेकर भारत के खिलाफ बयान देने वाले कनाडा के सामने अब एक नई समस्या खड़ी होती दिखाई दे रही है। शीर्ष कनाडाई अधिकारी अब इस समस्या से निपटने के रास्ते खोज रहे हैं। बताया गया है कि कनाडा में अब गैंगवार हो सकती हैं। न्यूज साइट एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो की ओर से खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत की भूमिका का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा में बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच कनाडा में सक्रिय कई खालिस्तान समर्थक गिरोहों में भी मतभेद बढ़ गए हैं। इसके कारण उनमें गैंगवार की आशंका जताई जा रही है। इसके पीछे हाल ही में कुख्यात दविंदर बंबीहा गिरोह के सदस्य सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की हत्या भी है।

लॉरेंस गैंग ने ली थी दुनेके की हत्या की जिम्मेदारी

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संबंध रखने वाले ट्रांस-नेशनल गैंगस्टर गोल्डी बरार ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा था कि उसे अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ी है। कोई छिपने के लिए दुनिया भर में भाग सकता है, लेकिन आखिरकार उसे अपने कर्मों की कीमत चुकानी ही पड़ेगी। गैंगस्टर पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोप है। बताया गया है कि दुनेके की हत्या खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख निज्जर की हत्या से अलग नहीं थी, जो जून में कनाडा के गुरुद्वारे के पास गैंगवॉर में हुई थी। माना जाता है कि खालिस्तान समर्थक नेता ने रिपुदमन सिंह मलिक के साथ प्रतिद्वंद्विता बढ़ा ली थी, जो 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट के मुख्य आरोपियों में से एक था। उसे कनिष्क बम विस्फोट मामले के रूप में भी जाना जाता है। यह भी पढ़ेंः कौन है वो शख्स, जिसे कनाडा की संसद ने किया सम्मानित? वह निकला नाजी तो उठानी पड़ी शर्मिंदगी

क्या-क्या होता है कनाडा में?

  • भारत सरकार कनाडा में चल रहे गैंगवॉर को लेकर कनाडाई खुफिया एजेंसियों के समक्ष बार-बार चिंता जताती रही है, जिसे अंततः यह कहते हुए खारिज कर दिया गया है कि मामले पर सबूत विश्वसनीय नहीं थे।
  • गैंगस्टर कथित तौर पर कनाडा में खालिस्तान समर्थक गुर्गों के साथ मिलकर काम करते हैं, जो बदले में उन्हें भारत से बाहर जाने और विदेशों में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करने के लिए धन देते हैं।
  • भारत में प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस ने कथित तौर पर इन गैंगस्टरों का समर्थन किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये गैंगस्टर भारत में अपराध करते हैं और SFJ लिंक की मदद से वे कनाडा चले जाते हैं। ये लोग यहां मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग और वसूली जैसी अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
  • बार-बार आलोचना के बाद भी कनाडाई सरकार ने स्पष्ट रूप से इन खालिस्तान समर्थक गुर्गों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ट्रूडो के समक्ष कनाडा की धरती का भारत के विरुद्ध इस्तेमाल किए जाने पर चिंता व्यक्त की थी।
  • कनाडा को शीर्ष विकसित देशों में सूचीबद्ध किया गया है, जहां कम से कम छह सर्वाधिक वांछित गैंगस्टर और कट्टरपंथी बने 13 ड्रग तस्कर पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं।
  • पंजाब पुलिस ने पिछले साल सात सर्वाधिक वांछित गैंगस्टरों की सूची जारी की थी, जो फर्जी दस्तावेजों पर भारत से कनाडा गए थे। दुनेके भी उनमें से एक था।
  • माना जाता है कि वहां कई लोग खालिस्तान आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखते थे और उन्होंने साजो-सामान, वित्तीय सहायता प्रदान की और बैठकें आयोजित कीं।
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