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नेपाल के बाद अब फ्रांस में क्यों सड़क पर उतरे लोग? राष्ट्रपति मैक्रों को भी देना पड़ सकता है इस्तीफा

नेपाल के बाद अब फ्रांस में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। नेपाल की तरह वहां भी लोगों और पुसिल के बीच हिंसक झड़प हुई। फ्रांस में पेरिस समेत कई शहरों लोग सड़क पर उतर आए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

फ्रांस में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी।

नेपाल में सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बीच अब फ्रांस में भी बवाल शुरू हो गया। नेपाल की तरह ही फ्रांस में लोगों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 9 सितंबर को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया। इसके बाद 10 सितंबर को हजारों लोग सड़क पर उतर आए। बता दें कि फ्रांस में 12 महीने में 4 बार पीएम बदल चुके हैं।
नेपाल की तरह ही पेरिस में भी लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। अभी तक पुलिस ने 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शकारियों ने रेन शहर में एक बस को आग लगा दी। वहीं दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचाया गया, इससे ट्रेन सेवाएं रोक दी गईं। आंदोलन के पीछे राष्ट्रपति मैक्रों की खराब नीतियां, बजट में कटौती समेत कई वजह बताईं जा रही हैं। वामपंथी गठबंधन और जमीनी संगठनों ने आंदोलन की थीम को 'ब्लॉक एवरीथिंग' पर रखा है। इसका मतलब देश में सबकुछ ठप करना। ताकि सरकार को झुकने पर मजबूर किया जा सके।

इन वजहों से शुरू हुआ प्रदर्शन

प्रदर्शन के पीछे मुख्य वजह राष्ट्रपति मैक्रों की खराब नीतियां बताई जा रही हैं। लोगों का कहना है कि मैक्रों की नीतियां आम लोगों के हितों में नहीं है. वह अमीर वर्ग को फायदा पहुंचाती हैं. इसके अलावा प्रदर्शन की वजह बजट में कटौती भी है। सरकार ने खर्चों में कटौती और कल्याणकारी योजनाओं में कमी कर आर्थिक सुधार लागू किए हैं। इससे आम जनता खासकर मिडिल क्लास और लेबर क्लास पर दबाव बढ़ा है। इसके अलावा बार बार पीएम बदलने से लोगों में अस्थिरता और असंतोष बढ़ गया है। हाल ही में सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया है। यह 1 साल में चौथे प्रधानमंत्री हैं।

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ऐफिल टॉवर के पास मुस्लिमों ने किया प्रदर्शन

फ्रांस के पेरिस में ऐफिल टॉवर के पास मुस्लिम प्रवासियों ने प्रदर्शन किया। इन्होंने नारा लगाया कि "हम पेरिस में हैं, मैक्रों के फ्रांस की गहराई में" इन्होंने आरोप लगाया कि रोशनी का शहर… वोटों के लिए बेच दिया गया। क्या मैक्रों ने चुनाव में मतपत्रों के लिए पेरिस को प्रवासियों को बेच दिया?

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