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भारत ही नहीं इन देशों के किसान भी कर रहे हैं आंदोलन; जानिए कहां किसकी क्या मांग?

Farmers Protest Across The World: अपनी मांगों को लेकर भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों के किसान इस समय आक्रोशित हैं और आंदोलन कर रहे हैं। पोलैंड, जर्मनी और इटली समेत कई यूरोपीय देशों के किसान इस समय ट्रैक्टर्स पर सवार होकर सड़कों पर उतर रहे हैं। जानिए ऐसा किन-किन देशों में हो रहा है और वहां के किसान क्या मांग कर रहे हैं।

Farmers Protests Across The World (X)
Farmers Protest Across The World : भारत में इस समय किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाले कानून और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने जैसी मांगों को लेकर भारत के किसान दूसरी बार आंदोलन करने उतरे हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि इस समय केवल भारत के किसान ही आंदोलन नहीं कर रहे हैं। दुनियाभर के कई देशों में किसानों आंदोलन चल रहे हैं। एक तरह से पूरी दुनिया में कृषि क्षेत्र इस समय जंग का मैदान बन गए हैं। सत्ता में बैठे लोग किसानों को शांत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं तो विपक्षी लोग किसानों के गुस्से का फायदा उठाने में लगे हुए हैं। भारत के अलावा स्पेन, इटली और बेल्जियम से लेकर पोलैंड और लिथुआनिया जैसे देशों के किसान भी बेहद आक्रोशित नजर आ रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में जानिए दुनिया के किन-किन देशों में किसान आंदोलन चल रहा है और उनकी क्या मांगें हैं। बेल्जियम: सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर्स पर सवार किसान बेहतर भुगतान और काम करने की स्थिति में सुधार की मांग को लेकर बेल्जियम में आंदोलन कर रहे हैं। इन्होंने ब्रसेल्स में फरवरी की शुरुआत में विशाल प्रदर्शन किया था। इस दौरान यूरोपीय संसद के सामने आग भी लगाई गई थी। फ्रांस: यूरोपीय यूनियन में सबसे बड़े एग्रीकल्चरल प्रोड्यूसर फ्रांस के किसान भी प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें पर्याप्त पैसा नहीं मिल रहा है। किसान एक मुद्दा और उठा रहे हैं कि पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सख्त नियमों ने उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। ग्रीस: यहां आंदोलन कर रहे किसान टैक्स फ्री ईंधन, कर्ज माफी, विदेशी प्रतिस्पर्धा के खिलाफ मानकों और प्राकृतिक आपदाओं के चलते हुए नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। यहां के कृषि क्षेत्र का 70 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा प्राकृतिक या अन्य बाधाओं का सामना करता है। जर्मनी: जनवरी 2024 में जर्मनी की सरकार ने सब्सिडी में कटौती की थी। इसके खिलाफ किसानों ने यहां राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का फैसला लिया है। यहां के किसान एग्रीकल्चरल डीजल पर टैक्स को हटाने की मांग कर रहे हैं। जर्मनी के किसानों का कहना है कि इससे वह दिवालिया हो जाएंगे। इटली: बाकी यूरोपीय देशों की तरह इटली के किसान भी कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाले विभिन्न मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं। इनमें कम होती आय, बढ़ती लागत और जलवायु संकट से निपटने के लिए यूरोपीय यूनियन की ओर से लागू किए गए मानक जैसे मुद्दे शामिल हैं। स्पेन: यूरोपीय यूनियन और स्थानीय कृषि नीतियों के विरोध में बड़ी संख्या में स्पेन के किसान भी सड़कों पर उतर रहे हैं। बीते बुधवार को उन्होंने सेंट्रल मैड्रिड में सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर रैली की थी। वह कृषि में उत्पादन लागत में किए गए इजाफे को कम करने की मांग भी कर रहे हैं। पोलैंड: यहां के किसान यूक्रेन से सस्ते फूड इंपोर्ट से पड़ रहे नकारात्मक असर को लेकर अपनी आवाज जोर-शोर से उठा रहे हैं। पोलैंड के किसानों ने 9 फरवरी को 30 दिन की हड़ताल का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने पूरे देश में सड़कें और यूक्रेन के साथ सीमा को भी ब्लॉक कर दिया था। ये भी पढ़ें: दिल्ली चलो मार्च टला, सिंघु-टिकरी बॉर्डर खुले, अब आगे क्या? ये भी पढ़ें: MSP लागू होने से बढ़ेगी महंगाई? क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ? ये भी पढ़ें: किसानों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, लगाई ये गुहार


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