भूकंप के जोरदार झटकों से म्यांमार की धरती फिर कांप गई। आज 2 बार भूकंप आया। पहले 4.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया और दूसरी बार 5.1 की तीव्रता वाला भूकंप आया। दोनों भूकंप मांडले के निकट महसूस किए गए, जहां शुक्रवार को आए 7 की तीव्रता वाले भूकंप से मस्जिद ध्वस्त हो गई थी। USGS के अनुसार, रविवार को म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर के पास 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। शुक्रवार के आए विनाशकारी भूकंप के बाद लगातार कई झटके लगे और लगते जा रह हैं।
वहीं आज फिर भूकंप के झटके लगने पर मांडले के निवासी चीखने लगे। आज आए भूकंप का केंद्र मांडले से 13 मील दूर उत्तर-पश्चिम में धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में मिला। शुक्रवार को शहर के पास 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे कई इमारतें ढह गईं थीं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा था। इस भूकंप ने 1645 लोगों की जान ले ली और 3400 से अधिक लोगों को लापता कर दिया। इस भूकंप ने म्यांमार के साथ बैंकॉक में भी काफी तबाही मचाई।
2 दिन पहले आए भूकंप ने मचाई थी तबाही
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार दोपहर को म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास भूकंप आया था। इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर इमारतें ढह गईं और शहर के हवाई अड्डे सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। एक प्रमुख अमेरिकी भूविज्ञानी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के घातक भूकंप की ऊर्जा 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर थी। भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने CNN को बताया कि इस तरह के भूकंप से निकलने वाली शक्ति लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर होती है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भूकंप के झटके कई महीनों तक लगातार लग सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती हैं, जिससे निकली ऊर्जा ने म्यांमार को तबाह कर दिया। इस बार सिर्फ 10 किलोमीटर दूर टकराव हुआ, इसलिए एनर्जी की स्पीड बहुत ज्यादा थी। उस भूकंप ने म्यांमार के साथ-साथ थाईलैंड में भी 17 लोगों की जान ले ली। बैंकॉक में भूकंप ने 1.7 मिलियन लोगों वाले शहर में भयानक विनाश किया, जिसके परिणामस्वरूप इमारतें ढह गईं, पुल क्षतिग्रस्त हो गए और सड़कों में दरारें आ गईं। म्यांमार और बैंकॉक में भूकंप ने दहशत का जो मंजर दिखाया था, उसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।