पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई है। भूकंप के झटकों की वजह से लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वतीय क्षेत्र के पास बताया जा रहा है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र धरती की सतह से 120 किलोमीटर नीचे था।
EQ of M: 4.5, On: 24/05/2025 14:27:53 IST, Lat: 36.60 N, Long: 71.39 E, Depth: 120 Km, Location: Afghanistan.
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इससे पहले 19 मई को अफगानिस्तान में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जो पिछले चार दिनों में देश में आया लगातार चौथा भूकंप था। एनसीएस ने एक्स पर एक पोस्ट में विवरण साझा करते हुए कहा कि भूकंप 08:54 बजे (भारतीय मानक समय) 140 किलोमीटर की गहराई पर आया।
18 मई को अफगानिस्तान में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। एनसीएस के अनुसार, भूकंप 150 किलोमीटर की गहराई पर आया था। इससे पहले 17 मई को इस क्षेत्र में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
अफगानिस्तान में बार-बार क्यों आते हैं भूकंप?
दरअसल अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच स्थित है। यहां कई सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं, इनमें से 1 सक्रिय फॉल्ट हेरात शहर से भी होकर गुजरती है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराते हैं, तब-तब अफगानिस्तान में भूकंप आता है।
नेपाल भी आया था भूकंप
NCS की रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई की सुबह नेपाल में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप के झटके भारत के अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप 01:33 बजे आया था, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। नेपाल पर एक Convergent boundary (अभिसारी सीमा)पर स्थित है, यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट टकराती हैं। इस दबाव और तनाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण भूकंप आते हैं। नेपाल एक सबडक्शन जोन में भी स्थित है जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसक रही है, जिससे तनाव और दबाव और बढ़ रहा है। यही कारण है कि नेपाल में भूकंप के झटके अधिक महसूस किए जाते हैं।