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ट्रंप का यूक्रेन को बड़ा झटका, अलास्का में पुतिन संग मीटिंग से पहले NATO सदस्यता से किया इनकार

News 24 Trump Putin Alaska Meeting: अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मीटिंग से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने यूक्रेन की NATO सदस्यता को लेकर एक बयान दिया है, जिससे रूस और यूक्रेन में शांति के लिए वार्ता पर असर पड़ सकता है।

यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर ही रूस के साथ विवाद चल रहा है।

Ukraine NATO Membership: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप अलास्का में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने जा रहे हैं। वे वाशिंगटन से अलास्का के लिए रवाना हो चुके हैं। यह मुलाकात रूस और यूक्रेन में सीजफायर कराने के मकसद से हो रही है, लेकिन पुतिन से मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बयान देकर यूक्रेन को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को NATO की सदस्यता नहीं मिलेगी। उन्होंने NATO के जरिए यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी से साफ इंकार कर दिया है।

यूक्रेन को क्यों चाहिए सदस्यता?

बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो से पूर्ण या आंशिक सदस्यता की मांग की है। इसके लिए जेलेंस्की ने तर्क दिया है कि अगर यूक्रेन को नाटो की सदस्यता मिल जाती है तो रूस के साथ शांति स्थापित करने में मदद मिल जाएगी। यूक्रेन का कहना है कि नाटो की सदस्यता उसे रूस के आक्रामक रवैये से सुरक्षा प्रदान करेगी और यूरोपीय संघ में शामिल होने की संभावनाओं को भी बढ़ाएगी। कुल मिलाकर यूक्रेन से रूस से सुरक्षा के लिए नाटो की सदस्यता मांगी है।

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नाटो क्यों नहीं दे रहा सदस्यता?

वहीं नाटो ने यूक्रेन को अभी तक पूर्ण सदस्यता नहीं दी है, क्योंकि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देने के लिए सभी सदस्य देश सहमति नहीं हैं। इसके अलावा, नाटो का आर्टिकल-5 कहता है कि किसी एक सदस्य देश पर किसी भी देश का हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा। ऐसे में यदि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता मिलती है, तो रूस के साथ चल रहे युद्ध के कारण नाटो को सैन्य हस्तक्षेप करना पड़ेगा। अगर नाटो बीच में आया तो तीसरे विश्व युद्ध को दस्तक मिल सकती है।

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नाटो में मेंबर्स में क्या है मतभेद?

यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देने को लेकर सभी 32 सदस्य देशों में मतभेद है। पोलैंड, रोमानिया और लिथुआनिया जैसे छोटे देश यूक्रेन को नाटो की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अमेरिका ने यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देना अव्यावहारिक और युद्ध को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का विचार छोड़ देना चाहिए और यूरोपीय संघ से सुरक्षा मांगनी चाहिए।

रूस क्यों कर रहा है विरोध?

बता दें कि रूस काफी समय से यूक्रेन की नाटो सदस्यता का विरोधी रहा है। यूक्रेन की नाटो सदस्यता को रूस अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि उन्हें यूक्रेन का नाटो में शामिल होना स्वीकार नहीं है। रूस और यूक्रेन में छिड़े युद्ध का मुख्य कारण नाटो की मेंबरशिप की मांग ही है और रूस किसी भी कीमत पर यूक्रेन को नाटो की सदस्यता लेने नहीं देगा।


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