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गाड़ियों के जमाने में गधे-घोड़ों से चलता है काम! ये हैं वो शहर जहां पर नहीं है एक भी कार

Car Free Day 2024: बड़े शहरों में जाम की समस्या आम होती है। गाड़ियों की लंबी लाइनों से निकलने के लिए बहुत समय लग जाता है। लेकिन दुनिया में कई जगह ऐसी भी हैं जहां पर एक भी कार नहीं है।

Car Free Day 2024: ऑफिस जाने के लिए वक्त से घंटों पहले घर से निकलना पड़ता है, क्योंकि रास्ते में जाम मिलता है। मुंबई शहर में लोगों को सबसे ज्यादा समस्या जाम को लेकर ही होती है। ये किसी एक शहर की समस्या नहीं है, बल्कि हर दूसरे शहर की है। घर से निकलते ही गाड़ियों के हॉर्न की आवाजें, लंबी लाइनें, हर तरफ भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे शहर भी हैं जहां पर एक भी गाड़ी नहीं हैं, सड़कों पर कोई शोर नहीं है? आज कार फ्री डे के मौके पर ऐसे ही शहरों के बारे में आपको बताएंगे।

क्यों मनाया जाता है कार फ्री डे?

22 सितंबर को दुनियाभर में कार फ्री डे के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1973 में नीदरलैंड में हुई थी, इस वक्त यहां पर तेल संकट था। इस दिन को मनाने के पीछे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा, वायु प्रदूषण, सुरक्षित वातावरण देना है। इस दिन लोग अपनी गाड़ियों से चलने के बजाय पैदल चलते हैं, या फिर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल किया जाता है। ये भी पढ़ें: चीन का पहला शहंशाह, जिसने अपनी ही मां को कर दिया था निर्वासित, भाइयों के साथ जो किया जानकर कांप जाएगी रूह

ये हैं दुनिया के कार फ्री शहर

क्या होगा अगर हमारे पास कारें न हों और हम ट्रैफिक जाम और हॉर्न के बिना रह सकें? यह अब एक असंभव सपने जैसा लग सकता है। लेकिन दुनिया भर में कुछ शहर ऐसे भी हैं जिन्होंने हर दिन कार-मुक्त रहने का विकल्प चुना है।

जर्मेट (Zermatt, Switzerland)

स्विट्जरलैंड के जर्मेट में एक भी कार नहीं है। यहां पर ज्यादातर लोग अपना सफर ट्रेनों में करते हैं। यहां पर ट्रेन हर 20 मिनट में आती है। इसके अलावा पैदल, घोड़े की गाड़ी, ई-टैक्सी से, बाइक या माउंटेन बाइक या फ्री ई-बस से यात्रा कर सकते हैं।

ला डिग्यू (La Digue Island, Seychelles)

ला डिग्यू, सेशेल्स में एक छोटा सा द्वीप है। इस द्वीप में किसी को कहीं जाने की कोई जल्दी नहीं होती है। यहां पर कहीं भी ट्रैफिक जाम नहीं मिलता है। इस द्वीप पर लोग बाइक की सवारी कर सकते हैं। इस द्वीप पर देखने के लिए कई खूबसूरत चीजें हैं, रास्ते में कछुए और मछलियों को देखा जा सकता है। जो लोग पैदल चलना नहीं चाहते हैं उनके लिए यहां पर इलेक्ट्रिक बग्गियां होती हैं।

वेनिस (Venice, Italy)

इसमें तीसरा नाम आता है वेनिस का जिसको वाहन-मुक्त कहा जाता है। वेनिस के सेंट्रो स्टोरिको में सबसे ज्यादा लोग पैदल चलते हैं। वेनिस में हर जिले को जोड़ने के लिए नहरों पर 400 से अधिक सीढ़ीदार पुल हैं। यहां पर करोड़ों लोग घूमने के लिए आते हैं।

लामू (Lamu, Kenya)

लामू में कारों पर प्रतिबंध है। यहां पर काम करने के लिए गधों का इस्तेमाल किया जाता है। लामू में ज्यादातर काम मूंगा पत्थर और मैंग्रोव लकड़ी से किया गया है। इसकी विशेषता है संकरी गलियां और प्रभावशाली घुमावदार दरवाजे वाली इमारते।

गिएथूर्न (Giethoorn, Netherland)

गिएथूर्न में एक भी कार नहीं है। च वेनिस के नाम से मशहूर इस पोस्टकार्ड-परफेक्ट गांव में पक्की सड़कें भी नहीं हैं। यहां के लोग एक जगह से दूसरी जगह नाव या पैदल जाते हैं। इस गांव के नाम को लेकर एक कहानी ये है कि गांव वालों ने जंगली बकरियों के सींगों का एक संग्रह खोजा था। जिसके बारे में उनका मानना था कि 1170 की बाढ़ में वो सब मर गई थीं। गेटेनहोरेन (बकरी का सींग) बाद में गिएथूर्न बन गया। ये भी पढ़ें: CIA और मोसाद ने वायरस से कैसे दिया दुनिया के पहले साइबर अटैक को अंजाम, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कर दिया था तबाह


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