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हिंसक हुए जापान के भालू, खौफ में जी रही सरकार, जान बचाने के लिए लोग घंटी और सीटी का ले रहे सहारा

Bears become violent in japan: इन दिनों जापान के भालू हिंसक हो चुके हैं, जिसके चलते लगातार भालुओं की ओर से वहां के स्थानीय लोगों पर हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों की ओर से कहा जा रहा है कि जापान के भालुओं के सामने आ रहीं खाने-पीने की समस्याओं के बाद वे हिंसक हो गए हैं, जिसके चलते अब वे इंसानों पर हमला करके उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं।

Bears become violent in japan: दुनिया की 11वीं सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में पहचान बनाने वाले जापान को इन दिनों अजीब मुश्किलों का सामना करना रहा है। लेकिन जापान को ये खतरा किसी आतंकियों के संगठन से या किसी हमलावर होने वाले देश से नहीं बल्कि एक बेजुबान जानवर भालू से है। आपको बता दें कि इन दिनों जापान के भालू हिंसक हो चुके हैं, जिसके चलते लगातार भालुओं की ओर से वहां के स्थानीय लोगों पर हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों की ओर से कहा जा रहा है कि जापान के भालुओं के सामने आ रहीं खाने-पीने की समस्याओं के बाद वे हिंसक हो गए हैं, जिसके चलते अब वे इंसानों पर हमला करके उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं।

4 वृद्ध लोगों की मौत के बाद जापान में जारी हुई थी चेतावनी

जापान के टोक्यो में बीते सप्ताह 4 वृद्धों पर हिंसक हुए भालुओं ने हमला कर दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। भालू के हमलों में 4 वृद्ध लोगों की मौत के बाद उत्तरी जापान के रहने वाले लोगों को पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। आपको बता दें कि बीते अप्रैल माह से अभी तक 150 से ज्यादा लोग इन हिंसक भालुओं का शिकार बन चुके हैं। इतना ही नहीं, इसी तरह के आंकड़े साल 2020 में भी सामने आए थे।

होंशू द्वीप में दर्ज किए गए सबसे ज्यादा भालुओं के हमले, जानकारों ने बताई ये वजह

मीडिया रिपोर्ट से सामने आई जानकारी के अनुसार, भालुओं की ओर से किए गए ज्यादातर हमले जापान के सबसे बड़े द्वीप होंशू में दर्ज किए गए हैं। वहीं, जानकारों ने एकॉर्न्स की फसल और बीचनट्स की कम पैदावार को भालुओं के हमले की सबसे बड़ी और असल वजह बताया है। उनका कहना है कि इस साल एकार्न्स और बीचनट्स में कमी की वजह से जापान के भालू रिहाइशी इलाकों की तरफ रुख कर रहे हैं और साथ ही भोजन की कमी की वजह से इलाकों के स्थानीय लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स में पर्यावरण के जानकारों ने बताया कि इस समय जापान में भालुओं की संख्या 44 हजार से अधिक है। वहीं, साल 2012 में यही भालुओं की संख्या 15 हजार थी।

अप्रैल से सितंबर तक दर्ज हुए 47 मामले

जापान की न्यूज एजेंसी की ओर से जारी हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते माह अप्रैल से सितंबर तक भालुओं के हमले से जुड़े कुल 47 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में होंशू के अकीता इलाके में हमलों के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। होंशू के बाद इवाटे और फुकुशिमा में भी बारी-बारी से केस दर्ज हुए। इवाटे के मामलों के बाद वहां के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि भालुओं के हमले से जुड़े सबसे अधिक मामले उन जगहों पर देखे गए हैं, जहां लोगों की आबादी काफी ज्यादा है। इसके साथ ही भालुओं के हमले से बचाव के लिए लोग अपने साथ अब घंटी लेकर चल रहे हैं। बताया जाता है कि उनकी ओर से अपने साथ घंटी लेकर चलने की वजह ये है कि घंटी की आवाज सुनकर भालू डर जाएंगे और वापस लौट जाएंगे।

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी हुई चेतावनी

जापान में भालुओं के हमले को लेकर सरकार काफी चिंता में है। जिसके चलते जापान के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जापान के लोगों के लिए एक खास अपील की गई है। इस अपील में कहा गया है कि अपने-अपने घरों के दरवाजों को मजबूती के साथ बंद करके भीतर रहें। मंत्रालय की ओर से जापान के किसानों से अपील की गई है कि वे जमीन पर गिरे हुए फल को अपने साथ ले जाएं। इतना ही नहीं, जापान की सरकारी न्यूज एजेंसी एनएचके ने हाल ही में आयोजित हुए कार्यक्रम के जरिए भालू से आमना-सामना होने पर उससे बचाव के तरीके बताए हैं। इसके साथ ही आपको बताते चलें कि जापान में बढ़ते भालुओं के खतरे को देखते हुए इस समय घंटी, सीटी, और पोर्टेबल रेडियो की बिक्री में बढ़त दर्ज की गई है।


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