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America President Election: ‘चीन को जवाब देने के लिए भारत का साथ जरूरी’, US प्रेसिडेंशियल पद के उम्मीदवार का बड़ा बयान

America President Election: अमरीकी राष्ट्रपति पद के भारतवंशी उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कहा कि भारत-अमेरिका के मजबूत संबंध आर्थिक क्षेत्र में चीनी संप्रभुता को समाप्त कर सकते हैं। पीटीआई को शेयर किए वीडियो में उन्होंने कहा कि रणनीतिक रूप से सबसे अहम अंडमान क्षेत्र में भारत-अमेरिका की सैन्य और आर्थिक साझेदारी चीन को पीछे धकेल देगी। […]

Vivek Ramaswamy
America President Election: अमरीकी राष्ट्रपति पद के भारतवंशी उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कहा कि भारत-अमेरिका के मजबूत संबंध आर्थिक क्षेत्र में चीनी संप्रभुता को समाप्त कर सकते हैं। पीटीआई को शेयर किए वीडियो में उन्होंने कहा कि रणनीतिक रूप से सबसे अहम अंडमान क्षेत्र में भारत-अमेरिका की सैन्य और आर्थिक साझेदारी चीन को पीछे धकेल देगी। बता दें कि रिपब्लिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामास्वामी इन दिनों ऑनलाइन धन उगाही के कारण लोकप्रियता रेटिंग में सबसे उपर है।

चीन पर से निर्भरता समाप्त करने के लिए भारत का साथ जरूरी

रामास्वामी ने कहा कि आज अमेरिका आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर है, लेकिन भारत के साथ मजबूत आर्थिक रिश्ते अमेरिका की चीन से आर्थिक निर्भरता समाप्त कर देगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ एक मजबूत रणनीतिक संबंध रखना चाहिए, जिसमें अंडमान सागर में सैन्य संबंध भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत चीन के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मलक्का जलडमरूमध्य को बाधित कर सकता है। बता दें कि मलक्का जलडमरूमध्य से चीन मध्य पूर्वी देशों से कच्चे तेल का आयात करता है।

डोनाल्ड ट्रंप के साथ चुनाव लड़ सकते हैं

38 वर्षीय राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामास्वामी ने बुधवार रात एक मंच पर बहस के दौरान अपने आर्थिक और रणनीतिक विचारों से सभी लोगों को प्रभावित किया। इसके बाद अगले ही दिन रामास्वामी को अमरीकी जनता ने 60 हजार अमरीकी डाॅलर का चंदा दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति पद दौड़ में जल्द ही वह अपने प्रतिद्वन्दियों को मात दे देंगे। इसके बाद उनका मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगा। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अगर रामास्वामी रिपब्लिक का नामांकन नहीं जीतते हैं तो वह ट्रंप के साथ संयुक्त टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि रामास्वामी के दादा अमेरिका में जाकर बस गए थे। अमेरिका में जन्मे रामास्वामी ने 2014 में रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की और 2015 और 2016 के सबसे बड़े बायोटेक आईपीओ का नेतृत्व किया।


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