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पेजर के बाद वॉकी-टॉकी ब्लास्ट, हिजबुल्लाह के पीछे ‘हाथ धोकर’ पड़ा इजराइल

Walkie Talkie Attack Lebanon: पेजर अटैक के बाद लेबनान की राजधानी में बेरूत में वॉकी-टॉकी ब्लास्ट की खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि इस ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत हो गई है।

वॉकी टॉकी में ब्लास्ट।
Walkie Talkie Attack Lebanon: इजराइल-हमास के बीच जारी जंग के बीच लेबनान की राजधानी बेरूत में पेजर ब्लास्ट से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर इजराइल की इस 'अनोखी स्ट्राइक' ने दुनिया को स्तब्ध किया ही था कि एक दिन बाद बुधवार को वॉकी-टॉकी में सिलसिलेवार ब्लास्ट ने हैरान कर दिया। जानकारी के अनुसार, राजधानी बेरूत में जगह-जगह वॉकी-टॉकी ब्लास्ट हुए हैं। जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए।

अंतिम संस्कार की तैयारी में थे लोग 

राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में ये ब्लास्ट हुए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये ब्लास्ट तब हुए जब हिजबुल्लाह के चरमपंथी पेजर ब्लास्ट में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। इन अटैक के पीछे इजराइल का हाथ बताया जा रहा है। पेजर अटैक के बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल से बदला लेने की धमकी दी है। उसने इजराइल के ठिकानों पर रॉकेटों से अटैक भी किए हैं। इन हमलों के बाद मध्य-पूर्व में टेंशन बढ़ गई है।

पांच महीने पहले खरीदे थे वॉकी-टॉकी 

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, ये वॉकी-टॉकी हथियारबंद समूह हिजबुल्लाह ने पांच महीने पहले ही खरीदे थे। ये लगभग वही समय था, जब हिजबुल्लाह ने पेजर खरीदे थे। आपको बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने पेजर अटैक के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से पेजर का एक बैच ऑर्डर किया था। जिसमें बैटरी के पास लगभग 50 ग्राम विस्फोटक छिपाए गए थे। इन्हें ब्लास्ट करने के लिए एक स्विच का इस्तेमाल किया गया था। कथित तौर पर इजराइल के इस हमले में हिजबुल्लाह के कई लड़ाके और ईरान के राजदूत भी घायल हो गए। ये भी पढ़ें: क्या मोबाइल हैक कर हो सकता है ब्लास्ट, पेजर को टार्गेट करना आसान क्यों?

इजराइल-हिजबुल्लाह में क्या है लड़ाई?

इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच कट्टर दुश्मनी मानी जाती है। कट्टर शिया आतंकी संगठन हिजबुल्लाह 1985 के बाद से सक्रिय है। इजराइल ने इससे करीब 3 साल पहले 1982 में दक्षिणी लेबनान पर हमला किया था। उसके बाद से हिजबुल्लाह का अस्तित्व माना जाता है। हालांकि इस संगठन में पहले लेबनान के सताए शिया मुस्लिम लड़ाके ही भर्ती किए गए थे। जिन्हें ईरान ने अपना हथियार बनाकर इजराइल के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। साल 2004 में सैनिकों की अदला-बदली के बाद हिजबुल्लाह ने 2006 में 2 इजराइली सैनिकों को उठा लिया था। इसके बदले में उसने अपने 3 साथियों को रिहा करने की मांग उठाई। इजराइल तब से इसे अपनी बेइज्जती मानता रहा है। इन सालों में कई बार इजराइल ने हिजबुल्लाह पर हमला किया है। ये भी पढ़ें: Pager Blast in Lebanon: क्या है ये पेजर? जिसके फटने से गई कई लोगों की जान; हैक करना भी आसान?


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