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Aditya L-1 के लॉन्च से पहले ही पाकिस्तानी ‘वैज्ञानिकों’ ने खोला बड़ा राज; क्या सच में सूरज लगाता है धरती के चक्कर?

Aditya-L1 Mission, नई दिल्ली: चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद भारत ने सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ लॉन्च करने का मन बनाया ही है कि इससे पहले सोलर सिस्टम को लेकर बड़ी अटपटी तरह की जानकारी सामने आ रही है। आज तक हम जानते हैं कि धरती सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाती है और उसी की […]

Aditya-L1 Mission, नई दिल्ली: चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद भारत ने सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' लॉन्च करने का मन बनाया ही है कि इससे पहले सोलर सिस्टम को लेकर बड़ी अटपटी तरह की जानकारी सामने आ रही है। आज तक हम जानते हैं कि धरती सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाती है और उसी की वजह से दिन-रात या मौसम के बदलाव आते हैं, लेकिन अब कुछ ऐसा सुनने के लिए तैयार हो जाइए, जो किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी है। ये दिन-ये रात, ये गर्मी और वो सर्दी सब के सब इसलिए बनते हैं कि सूरज के धरती के चारों तरफ घूमता है। आइए जानें किस देश के महान वैज्ञानिकों ने की है ये हैरानीजनक खोज... < > दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मदरसे के कुछ किशोरों से एक मीडिया जर्नलिस्ट मदरसे में साइंस, मैथ्स और इंग्लिश पढ़ाए जाने के बारे में सवाल करती है तो इसके जवाब में एक स्टूडेंट कहता है कि मदरसे में अब बाकायदा दुनियावी इल्म दिया जाता है, ताकि बच्चे दीन के साथ दुनियावी मामले में भी आगे बढ़ें। इसके बाद जब रिपोर्टर एक और सवाल करती है कि जमीन गोल है या फ्लैट है तो स्टूडेंट का जवाब बड़ा ही हैरानी में डाल देने वाला था। उसने कहा,'आला हज़रत की रौशनी में बताऊं तो जमीन रुकी हुई है। हम नहीं कह सकते कि यह गोल है और घूम रही है'। इसके बाद तो रिपोर्टर ने सवालों की झड़ी ही लगा दी। उसने पूछा, 'अगर जमीन फ्लैट है और रुकी हुई है तो फिर ये मौसम कैसे बदल रहे हैं? दिन-रात कैसे आते हैं? चांद ग्रहण और सूरज ग्रहण कैसे लगते हैं?'। अब फिर मदरसे में तालीम हासिल कर रहे लड़के ने सबको हिलाकर रख दिया। भाई के जवाब था, 'ये जमीन रुकी है, ये चांद इसके इर्द-गिर्द घूमता है। सूरज जमीन का चक्कर लगाता है। जमीन घूम नहीं रही। इसी वजह से मौसम ठंडा होता है गरम होता है। दिनों का छोटा होना भी सूरज के साथ ही होता है'। अब शायद आप समझ चुके हैं कि पाकिस्तान में शिक्षा प्रणाली का जनाजा निकला हुआ है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में लाहौर शहर की आबादी से भी ज्यादा लड़के-लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं। रही कसर इस तरह के वीडियो पूरी कर दे रहे हैं। आप ही देखिए, बच्चों को तालीम देने वाले टीचर किस वैज्ञानिक की खोज पढ़ते होंगे।

कहां शेयर किया गया है ये अटपटा वीडियो और आ रहे कैसे-कैसे कमेंट

अटपटे राज बयां करता यह वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर Atheist_Krishna से शेयर किया गया है और अब इस पर रिएक्शन भी कुछ इसी तरह के आ रहे हैं। एक यूजर ने इस पोस्ट पर लिखा है, 'मैंने यह वीडियो अपने साइंस टीचर क भेजा और उधर से कोई जवाब नहीं मिला। कहीं हार्ट फेल्योर ना हुआ हो'। दूसरे यूजर ने लिखा है, 'इन्हें इंजीनियर की जरूरत ही नहीं है। चीन इनके लिए सब बना देगा'।

पहली बार नहीं हुआ है ऐसा

यहां खास बात यह भी ध्यान देने वाली है कि पाकिस्तान में लोगों के नॉलेज की कमी की यह घटना नई नहीं है। इससे पहले जब भारत का मिशन मून चंद्रयान-3 सफल हुआ तो उस वक्त भी पाकिस्तान से एक वीडियो कुछ इसी तरह चर्चा में आया था। उस वीडियो में टीवी चैनल पर एंकर कह रही थी, 'भारत चांद पर पहुंच रहा है और हम अपने अंदर की राजनीति और महंगाई से ही नहीं निपट पा रहे हैं'।


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