Cyber crime: आज कल ऐसा कोई घर नहीं होगा, जहां बच्चे अपना ज्यादातर वक्त मोबाइल में बिजी रहकर बिताते हैं। कभी वे गेम खेलते हैं तो कभी इंटरनेट की दुनिया में खोए रहते हैं। मां-बाप भी बच्चों की जिद आगे झुक जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों की यह लत उन्हें अंधकार की तरफ ले जा रही है। इसका ताजा उदाहरण नीदरलैंड की एक कहानी है। बारबरा जेमन नाम की महिला ने अपने 8 साल के बेटे के साइबर क्राइम में शामिल होने की चौंकाने वाली कहानी साझा की है। उनके बेटे ने डार्क वेब के जरिए एके-47 ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया। बंदूक घर भी पहुंच गई। जब सच्चाई बारबरा को पता चली तो पैरों तले जमीन खिसक गई।
कम उम्र में शुरू की हैकिंग
बारबरा वर्तमान में मानव संसाधन विशेषज्ञ के रूप में काम करती हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके बेटे ने कम उम्र में ही कंप्यूटर पर अपना ज्यादा वक्त बिताना शुरू कर दिया था। कम उम्र में ही उसने हैंकिंग शुरू कर दी थी। वह बिना भुगतान किए चीजें ऑनलाइन ऑर्डर करता था। जैसे मुफ्त में पिज्जा। लेकिन यह छोटी चीज थी। लेकिन समय बीतने के साथ यह बद्तर होता गया।
बेटे को पोलैंड से बुल्गारिया भेजा
जब भी बारबरा अपने बेटे के कमरे में जाती तो वह अपनी हरकतों को छुपाने के लिए अजीब कोड का इस्तेमाल करता था। उसने ऑनलाइन गेम के जरिए अपराधियों और बुरे लोगों से बातचीत की और अवैध धन लेनदेन में उनकी मदद भी की। एक दिन उनके घर एक एके-47 बंदूक पहुंचाई गई। तभी बारबरा को बेटे की हरकत और बिगड़ चुकी स्थिति का एहसास हुआ। आखिरकार बारबरा ने बेटे को पोलैंड से बुल्गारिया भेज दिया।
पुलिस को सौंपी बंदूक
बारबरा ने बंदूक स्थानीय पुलिस को सौंप दी, लेकिन उसके बेटे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। बारबरा ने बताया कि बेटे का व्यवहार बदल गया था। वह तनाव में रहता था। छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाने लगता था। चोरी-छिपे पता किया तो मालूम हुआ वह रात भर जागकर इंटरनेशनल हैकरों के साथ काम करता था।
बेटे की हरकतों ने मां को बनाया साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
जब बारबरा ने कानून प्रवर्तन से सलाह मांगी, तो उनकी चिंताओं को खारिज कर दिया गया। इसके बाद बारबरा ने खुद साइबर सिक्योरिटी के बारें पढ़ने-सीखने का फैसला किया। इस समय वह डच पुलिस के साथ साइबर स्पेशल के रूप में स्वयंसेवा करती हैं।
बारबरा का मानना है कि लैपटॉप और सेल फोन तक पहुंच आसान होने से बच्चों के लिए हैकिंग में शामिल होना आसान हो जाता है। वह सोचती हैं कि युवाओं को साइबर अपराध में शामिल होने से रोकना आवश्यक है क्योंकि वे अक्सर नहीं जानते कि क्या कानूनी है और क्या अवैध है।
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