Shani Ki Sade Sati Ke Upay: कर्मफल दाता शनि ग्रह का शास्त्रों में खास महत्व है। शनि को तमोगुणी ग्रह, क्रूर और दयाहीन, लंबे नाखून, रूखे-सूखे बालों वाला, अधोमुखी, मंद गति वाला और एक आलसी ग्रह माना जाता है, जिसका आकार दुर्बल होता है। शनि एक पृथकत्ता कारक ग्रह है। वैदिक पंचांग के अनुसार, शनि देव एक निश्चित समय के बाद राशि और नक्षत्र परिवर्तन करते हैं, जिसका प्रभाव 12 राशियों के ऊपर पड़ता है। शनि गोचर के साथ ही साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव भी राशियों के ऊपर पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। हर चरण ढाई साल का होता है।
शनि की साढ़ेसाती के पहले ढाई साल में व्यक्ति को आर्थिक हानि होती है। छिपे हुए विरोधी या शत्रु कष्ट पहुंचाते हैं। व्यक्ति व्यर्थ के विवादों में फंस जाता है। कार्यक्षेत्र में रुकावटें आती हैं। इसलिए शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को जोखिमपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए। नहीं तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जबकि शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है और तीसरे चरण में आर्थिक कष्ट और खर्चों में वृद्धि होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि इस समय किस राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है और उससे बचने के उपाय क्या हैं तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
ये भी पढ़ें- Ketu Gochar 2025: केतु की कृपा से इन 3 राशियों की चमकेगी किस्मत, पूरी होंगी अधूरी इच्छाएं!
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।