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कितनी खूंखार है ईरान की स्पेशल फोर्स? क्यों घबराया इजराइल?

Islamic revolutionary guard: इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को पहले सिपाह-ए-पासदरन भी कहते थे। ईरानी कानून में इस फोर्स को वैध माना गया है। फोर्स के पास अपने 1.90 हजार सैनिक हैं।

Islamic revolutionary guard:  ईरान के इजरायल पर हमले से एक बार फिर मिडिल ईस्ट सुर्खियों में बना हुआ है। इजरायल पर ईरान की स्पेशल फोर्स इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने हमला किया है। बीते 24 घंटे में गाजा में बड़ी तबाही हुई है। ईरान ने ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल से हमला किया है। इसकी पूरी जिम्मेदारी IRGC ने ली है। फोर्स का दावा है कि वह शांतिप्रिय है और केवल विदेशी संकट में ही लड़ाई करता है।

कब बना था IRGC?

जानकारी के अनुसार इस्लामिक क्रांति के बाद IRGC बना था। जिसे पहले सिपाह-ए-पासदरन भी कहते थे। ईरानी कानून में इस फोर्स को वैध मान गया है। इतना ही नहीं इसका देश की राजनीतिक और आर्थिक मामलों में भी पूरा दखल है। इसके पास अपने 1.90 हजार सैनिक हैं। ये स्पेशल फोर्स ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को रिपोर्ट करती है। खामेनेई इसे इस्लाम के सैनिक कहते हैं। फोर्स के पास बैलिस्टिक मिसाइल तक हैं।


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