Parikrama Ke Niyam: सनातन धर्म और प्राचीन परंपराओं में देवी-देवताओं की परिक्रमा का विशेष महत्व है. ये न सिर्फ देवी-देवताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है, बल्कि उनके प्रति भक्ति और सम्मान को भी दर्शाता है. परिक्रमा करने से मानसिक शांति मिलती है और नेगेटिव एनर्जी दूर होती है. साथ ही पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं. हालांकि, परिक्रमा करते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है, नहीं तो व्यक्ति को पाप भी लग सकता है. इसके अलावा हर एक देवता की परिक्रमा करने की संख्या अलग होती है. जैसे कि गणेश जी और हनुमान की तीन परिक्रमा की जाती है, जबकि माता दुर्गा की एक और सूर्य देव की सात बार परिक्रमा करना शुभ रहता है.
शास्त्रों में बताया गया है कि देवी-देवताओं के दाएं हाथ से परिक्रमा करना सही व शुभ होता है. वहीं, जो लोग देवी-देवताओं की परिक्रमा की शुरुआत बाएं तरफ से करते हैं, उन्हें पुण्य नहीं मिलता है. यदि आप जानना चाहते हैं कि परिक्रमा करते समय क्या नहीं करना चाहिए तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.