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‘बंटेंगे तो कटेंगे’…Yogi के बयान के मायने क्या? Rajeev Ranjan से समझिए जाति-धर्म का सियासी कनेक्शन

सीएम योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान के बाद अब जमकर सियासत हो रही है। विपक्ष ने सीएम योगी के इस नारे पर सवाल उठाए हैं। आइये राजीव रंजन से समझते हैं जाति और धर्म की राजनीति कब होती है?

सीएम योगी आदित्यनाथ। (File Photo)
CM Yogi Aditya Nath Statement: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर आगरा में एक बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद सियासी पारा गरमा गया है। यूपी के सीएम ने कहा था कि बंटेंगे तो कटेंगे, आप देख रहे हैं ना बांग्लादेश में क्या हो रहा है? बांग्लादेश वाली गलती नहीं होनी चाहिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली वालों को उन्हें समझाना चाहिए। वे इस तरह के बयान नहीं दें। वे पीएम बनने का सपना देख रहे हैं लेकिन विदेशी राष्ट्रों से कैसे संबंध होने चाहिए यह केंद्र सरकार का काम है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है। जो पार्टी नारा देती है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। उनके एक मुख्यमंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर न्यूज 24 के वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन ने कहा कि सबका साथ का नारा बीजेपी, सरकार या पीएम मोदी तब देते हैं जब देश में चुनाव नहीं हो, लेकिन जब चुनाव हो तब बीजेपी के नेता बंटेंगे तो कटेंगे, बजरंग बली जैसे नारे देते हैं। वहीं विपक्ष की ओर से जब चुनाव आते हैं तो आरक्षण, संविधान और जातीय जनगणना की बात की जाती है। सरकार और विपक्ष के इन नारों का संगम जाति और धर्म का कनेक्शन बन जाता है। वीडियो में देखें राजीव रंजन ने इसको लेकर क्या कुछ कहा?


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