बजरंग सिंह, राजस्थान
आज के समय में जहां शादियां शोर-शराबे, लाइटों, बैंड-बाजों और लाखों रुपये के खर्च के लिए जानी जाती हैं वहीं राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक सादगी भरे विवाह ने सबका ध्यान खींचा। न दहेज, न बारात, न कोई फिजूलखर्ची। सिर्फ परिवार और कुछ खास मेहमानों की मौजूदगी में यह शादी हुई, जिसने दिखा दिया कि सच्चा प्यार और समझ ही एक सफल रिश्ते की बुनियाद होती है दिखावा नहीं। आइए जानते हैं किसकी थी ये शादी?
सादगी भरा विवाह, समाज को मिला संदेश
राजस्थान में एक अनोखा और प्रेरणादायक विवाह ने समाज को सादगी और समझ का सशक्त संदेश दिया है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अधिकारी ज्योत्सना खेड़ा और राजस्थान वन सेवा (RFS) के अधिकारी योगेश वर्मा ने बिना किसी शोर-शराबे और दिखावे के सवाई माधोपुर के मानटाउन क्लब में सादगीपूर्ण विवाह किया। न घोड़ी थी, न बाजा, न बारात। सिर्फ वर-वधू, उनके परिवारजन और कुछ खास मेहमान इस शादी के गवाह बने। इससे पहले दोनों ने कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी की और मौके पर ही नगर परिषद की टीम ने विवाह का पंजीकरण भी किया।
Simple Wedding of RAS Officer Jyotsna Kheda and RFS Officer Yogesh Verma Sets Social Example in Rajasthan pic.twitter.com/cEoGSZeAfV
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वरमाला और शुभकामनाओं से हुई शुरुआत
विवाह समारोह में जिला कलेक्टर शुभम चौधरी, SP ममता गुप्ता, रणथंभौर के DFO R. N. भाकर, ADM संजय शर्मा, जिला परिषद CEO गौरव बुडानिया सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने वर-वधू को वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं। यह विवाह सादगी और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल बना। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने इसे “एक नई सोच और प्रेरणा देने वाला कदम” बताया।
अहम पदों पर कार्यरत दोनों अधिकारी
ज्योत्सना खेड़ा वर्तमान में सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में ADM के पद पर कार्यरत हैं। वहीं योगेश वर्मा रणथंभौर क्षेत्र के फलौदी और पालीघाट में ACF पद पर कार्यरत हैं। ज्योत्सना के पिता कैलाश बैरवा सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं और पूर्व में सवाई माधोपुर में सेवाएं दे चुके हैं। इसी कारण यह जिला इस विवाह के लिए एक खास और भावनात्मक स्थान बन गया।
समाज सुधार की दिशा में उदाहरण
यह विवाह न केवल एक निजी आयोजन रहा बल्कि दहेज और फिजूलखर्ची के विरुद्ध एक साहसिक संदेश भी है। दोनों अधिकारियों ने बताया कि “शादी समझ, सहयोग और समानता का प्रतीक होती है, न कि दिखावे और खर्चीले रिवाजों का।” जब समाज के जिम्मेदार लोग खुद उदाहरण पेश करते हैं तब समाज में बदलाव की राह आसान हो जाती है। यह विवाह आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है कि एक सुंदर और सफल वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी है प्यार, समझ और आत्म-सम्मान, न कि तामझाम।