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AI डीपफेक पर केंद्र सरकार की सख्ती, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तुरंत कार्रवाई के निर्देश

अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल सिर्फ मजे के लिए नहीं बल्कि गुमराह करने के लिए भी हो रहा है। डीपफेक वीडियो और फोटो से फैल रही अफवाहों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब सख्ती दिखाई है और सोशल मीडिया कंपनियों को फौरन कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 5, 2025 15:06
Deepfake
Deepfake

डीपफेक एक खतरनाक तकनीक जो सच और झूठ के बीच की लाइन मिटा रही है। आजकल ऐसे वीडियो और फोटो आम होते जा रहे हैं जो लोगों की छवि खराब कर सकते हैं, समाज में नफरत फैला सकते हैं और गलत जानकारी को सच की तरह पेश कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाए हैं और सोशल मीडिया को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

डीपफेक पर केंद्र की सख्ती, सोशल मीडिया को तुरंत कार्रवाई का निर्देश

केंद्र सरकार ने एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि वे डीपफेक और AI द्वारा तैयार की गई गलत जानकारी के खिलाफ तुरंत कदम उठाएं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को यह सलाह दी गई है कि वे किसी भी प्रकार की अवैध या झूठी सामग्री को हटाने में देर न करें। यह कदम तेजी से बढ़ते डीपफेक के खतरे को देखते हुए उठाया गया है, जिससे आम जनता को गुमराह किया जा सकता है या किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।

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IT नियमों का पालन अनिवार्य, MeitY की उद्योग से बातचीत जारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस मुद्दे पर कई बार सोशल मीडिया कंपनियों और तकनीकी विशेषज्ञों से चर्चा की है। उन्हें यह याद दिलाया गया है कि 2021 के IT नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इन नियमों का उद्देश्य भारत के नागरिकों के लिए एक सुरक्षित, जिम्मेदार और पारदर्शी साइबर स्पेस बनाना है। राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में बताया कि कंपनियों को उनकी “ड्यू डिलिजेंस” यानी सतर्कता जिम्मेदारी निभाने के लिए बार-बार कहा गया है, खासकर तब जब बात नई टेक्नोलॉजी जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की हो।

AI से बने कंटेंट पर भी लागू है कानून, मंत्री ने दी चेतावनी

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि IT एक्ट में पहचान की चोरी, किसी की नकल करना, गोपनीयता का उल्लंघन और अश्लील कंटेंट शेयर करने जैसे साइबर अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है। मंत्री ने कहा कि यह कानून सिर्फ यूजर जनरेटेड कंटेंट तक सीमित नहीं है बल्कि AI द्वारा बनाए गए कंटेंट पर भी लागू होता है। सरकार ने यह भी बताया कि वह लगातार उद्योग से जुड़ी कंपनियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रही है कि AI का इस्तेमाल नैतिक रूप से हो और इसका दुरुपयोग न हो।

शिकायतों के लिए पोर्टल, CERT-In की सतर्कता और सरकार का कड़ा रुख

यह बात अब साफ़ है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि को अब किसी भी तरह की गलत या अवैध जानकारी पोस्ट करने की इजाज़त नहीं है। अगर कोई यूजर या सरकार किसी कंटेंट की शिकायत करता है तो उस पर जल्दी से कार्रवाई करना जरूरी है। सरकार ने अब एक नई सुविधा शुरू की है Grievance Appellate Committee (www.gac.gov.in)। यहां यूजर सोशल मीडिया कंपनियों के फैसलों के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा CERT-In नाम की सरकारी एजेंसी समय-समय पर लोगों को साइबर खतरों से बचने के लिए सलाह देती रहती है। खासकर आजकल जैसे AI और Deepfake टेक्नोलॉजी से झूठी खबरें और नकली वीडियो तेजी से फैलते हैं। चुनाव या संवेदनशील मुद्दों के समय ऐसे में सरकार का यह कदम डिजिटल सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। अब सोशल मीडिया कंपनियों को जिम्मेदारी से काम करना होगा और गलत जानकारी को तुरंत हटाना होगा।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Apr 05, 2025 03:06 PM

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