Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

इंटरव्यू से पहले कैंसर से गई मां की जान, नहीं डगमगाए कदम; UPSC में सेकेंड रैंक लेकर ही माने अनिमेष प्रधान

UPSC Result 2024: ओडिशा के तालचेर शहर के रहने वाले अनिमेष प्रधान यूपीएससी में सेकेंड रैंक लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। उनका कहना है कि वे मां के लिए इस परीक्षा को पास करना चाहते थे। इंटरव्यू की तैयारी से कुछ समय पहले ही कैंसर के कारण मां का निधन हो गया। लेकिन अनिमेष ने बता दिया कि जुनून हो, तो सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता।

अनिमेष प्रधान।
Animesh Pradhan Second Rank in UPSC: यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद अनिमेष प्रधान खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ओडिशा के तालचेर के रहने वाले अनिमेष अपनी मां की खातिर यूपीएससी में झंडे गाड़ना चाहते थे। इंटरव्यू की तैयारी के दौरान ही मां का कैंसर के कारण देहांत हो गया। 24 साल के अनिमेष ने यूपीएससी में एआईआर 2 हासिल किया है। अनिमेष ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन्होंने हौसला नहीं खोया और डटे रहे। मां के रहते अपने सपने को पूरा करने की चाह अनिमेष की अधूरी रह गई। वे बताते हैं कि उनको पता था कि मां को लाइलाज बीमारी है। लेकिन वे उनके रहते आईएएस बनना चाहते थे। ताकि मां गौरवान्वित महसूस करें। यह भी पढ़ें: UPSC Success Story: छोटी उम्र में गुजरी मां, पिता ने रिक्शा चलाकर किया गुजारा, सिविल सेवा में 48वीं रैंक लाकर IAS बना बेटा अनिमेष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी राउरकेला से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुके हैं। समाज और देश के मुद्दों को सुलझाने की रूचि बचपन से ही थी। जिसके कारण वैकल्पिक विषय के तौर पर समाजशास्त्र को चुना। खुद को मानसिक और तार्किक रूप से दृढ़ बनाया। अनिमेष ने बताया कि सामाजिक विज्ञान का सिर्फ एक पेपर बीटेक में होता था। यहीं से इस सब्जेक्ट में रूचि हुई। उन्होंने तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली। रोज 7 घंटे पढ़ाई की। वे ओडिशा के लिए ही काम करना चाहते हैं। प्रदेश कैडर ही उनकी इच्छा है।

लोगों के जीवन में लाना चाहता हूं बदलाव

वे कहते हैं कि राज्य में काम करते हुए लोगों की सेवा की इच्छा है। लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहता हूं। प्रधान को पत्रकारिता, फ्री स्टाइल डांस और संसदीय बहस में भी रूचि है। 11वीं की पढ़ाई के दौरान दिसंबर 2015 में पिता को भी खो चुके हैं। माता-पिता को खोना उनके लिए सबसे बड़ी क्षति है। अनिमेष दूसरे प्रतिभागियों को सलाह देते हैं कि किसी भी हाल में हौसला न छोड़ें। 20 साल बाद किसी शख्स ने ओडिशा से सेकेंड रैंक हासिल किया है। 2003 में टॉपर की उपलब्धि यहां की रूपा मिश्रा ने अपने नाम की थी।


Topics:

---विज्ञापन---