Maha kumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Maha kumbh 2025) का पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें देश विदेश से श्रद्धालु डुबकी लगाने आ रहे हैं। साधु- संतों और अघोरी बाबाओं के अलावा आम जनता का भी महाकुंभ में जमघट लगा हुआ है। मौनी अमावस्या वाले दिन एक बहुत बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। इतने बड़े हादसे के बाद भी श्रद्धालुओं का जाना कम नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोगों के अंदर कोई डर नहीं है। इसी बीच हाल ही में पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya of Puri Swami Nischalanand Saraswati) ने बताया है कि क्यों खतरे के बाद भी महाकुंभ आते हैं लोग?
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने धर्मनिरपेक्ष के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा खरगोश के सींग नहीं होते इसी प्रकार धर्मनिरपेक्ष केवल एक शब्द है। कोई वस्तु बताओ या कोई व्यक्ति बताओ जो धर्मनिरपेक्ष हो। उन्होंने इस मुद्दे को समझाते हुए शरीर के अंगों का उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने बताया कि हमारे शरीर के अंग धर्मनिरपेक्ष हो जाएं तो क्या होगा। इसलिए कोई अंग ऊंचा है तो कोई नीचा।
महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों की संख्या पर शॉकिंग खुलासा
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने मौनी अमावस्या के दौरान महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों की संख्या के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा शासन का गणित अलग होता है। 100 मरेंगे तो 10 बताया जाएगा, 10 का अर्थ है 100 तो 100 का अर्थ होगा 10 गुना ज्यादा। शासन तंत्र के अपने निर्णय होते हैं।
करोड़ों की भीड़ में खतरे के बाद भी महाकुंभ क्यों आते लोग?