Maha Kumbh : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हजारों की संख्या में विदेशी में शामिल हुए। अलग-अलग शिविरों में हजारों विदेशी महाकुंभ के दौरान साधुओं के साथ पूजा पाठ यज्ञ और तपस्या करते रहे। इसी बीच अब खबर सामने आई है कि 63 विदेशियों ने एक साथ सनातन धर्म अपनाया है और गुरु दीक्षा ली है। ये सभी अलग-अलग देशों से थे और अलग-अलग धर्म के थे। सभी को दीक्षा देकर सनातानी बनाया गया।
महाकुंभ मेले के सेक्टर 17 स्थित शक्ति धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 63 विदेशी नागरिकों ने गुरु दीक्षा ग्रहण की। तुलसी की मालाओं से सजे और फूलों, फलों की टोकरियां लिए भक्तों ने जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी से दीक्षा ग्रहण की। यह समारोह 11 फरवरी को सम्पन्न हुआ। दीक्षा लेने वालों में डेटा वैज्ञानिक और अमेरिका निवासी माइकल कैनेडी भी शामिल थे।
सनातनी बनने पर क्या बोले विदेशी?
दीक्षा लेने के बाद माइकल कैनेडी ने कहा कि पहले मेरे जीवन में स्पष्टता की कमी थी। हालांकि, सनातन धर्म अपनाने के बाद मुझे अंधेरे में रोशनी का अहसास होने लगा और जगद्गुरु साईं मां ने मेरे जीवन में यह रोशनी दिखाई।” रूस की नताशा कर्टेस पेशे से फोटोग्राफर हैं। उनका कहना है कि दुनिया भर की यात्रा करने के बाद सनातन में आने पर शांति मिली है।
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अमेरिका के सुसान मुचनिज, ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर हिंडर-हॉकिन्स, कनाडा के नतालिया इज़ोटोवा, इंडोनेशियाई सैक्रेटिस्ट जस्टिन वॉटसन और बेल्जियम की इंगे तिजगट शामिल ने भी सनातन धर्मं अपनाकर गुरु दीक्षा ली है।
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महाकुंभ के दौरान 200 से अधिक विदेशियों ने सनातन दीक्षा ग्रहण की है। इससे पहले साल 2019 में साईं मां से प्रेरित होकर तीन महिलाओं समेत नौ विदेशी शिष्यों ने हिंदू धर्म अपनाया था और महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की थी। साईं मां के जापान, अमेरिका, इजराइल, फ्रांस और कई अन्य यूरोपीय देशों में कई भक्त हैं।