जापान में जन्म दर में सुधार को लेकर सरकार काफी सजग है, क्योंकि देश में बढ़ती उम्र वाले लोगों की जनसंख्या बढ़ रही है। इसके साथ ही कई सालों में जन्मदर भी अपने स्तर से नीचे रहा है। ऐसे में इसको लेकर चर्चाएं आम हैं। हाल ही में जापान की कंजर्वेटिव पार्टी के नेता नाओकी हयाकुता ने भी इस विषय पर चर्चा की थी। देश की कम जन्म दर में सुधार को लेकर उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिसके कारण वे आलोचना के शिकार हो गए हैं। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
चर्चा के दौरान दिया बड़ा बयान
YouTube पर बढ़ती उम्र की आबादी के बीच देश की जन्म दर बढ़ाने के उपायों पर चर्चा चल रही थी। इसमें हयाकुता ने 30 साल की उम्र में जबरन हिस्टेरेक्टोमी का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को जल्दी बच्चे पैदा करने पर मजबूर होना पड़ेगा और जापान की घटती जन्म दर बेहतर हो जाएगी।
हयाकुता ने आगे कहा कि 25 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को शादी करने से रोका जाना चाहिए और 18 साल की उम्र के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी में जाने से रोका जाना चाहिए ताकि वे अच्छी मां के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें। यहां हम एक वीडियो शेयर कर रहे हैं।
I want you to know the current state of Japanese politicians.
Naoki Hyakuta, leader of the far-right Conservative Party of Japan with 3 seats in the House of Representatives@BBCWorld @bbcnewsjapan @BBC @CNN @NBCNews @ABC @CBSNews @FoxNews
— ⁑リコマイ ⁑ (@sakuraironoharu) November 10, 2024
बयान पर किए गए ट्रोल
अपने इस बयान नाओकी हयाकुता को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लोगों ने महिलाओं और महिला अधिकारों के समर्थन में बात करने हयाकुता के शब्दों की कड़ी आलोचना की और उन्हें महिला विरोधी और अतिवादी कहा। आलोचना के बाद, हयाकुता ने एक्स पर एक पोस्ट में माफी मांगी और कहा कि उन्होंने जो कहा वह ‘बेहद कठोर’ है और ‘ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए।’
रविवार को नागोया में दिए गए भाषण में हयाकुता ने अपना बयान वापस ले लिया और माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें वापस ले लूंगा और माफी मांगूंगा क्योंकि ऐसे लोग भी थे जिन्हें वे अप्रिय लगे।
जापान पिछले कुछ दशकों से कम जन्म दर और बढ़ती उम्र की आबादी की समस्या से जूझ रहा है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो 2024 के पहले छह महीनों में जन्मों की संख्या 3,50,074 थी, जो पिछले साल इस समय की तुलना में 5.7% कम है। फिलहाल जापान बढ़ती उम्र की आबादी और कम जन्म दर की जनसांख्यिकीय समस्या का सामना कर रहा है। देश की कुल बर्थ रेट पिछले कुछ दशकों से अपने स्तर से नीचे रही है।
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