Indian Army Retired Colonel Viral Video : दिल्ली में एक रिटायर्ड कर्नल ने वीडियो शेयर कर आरोप लगाया है कि कांस्टेबल ने उनसे पैसे मांगे। कर्नल का दावा है कि कांस्टेबल भी रिटायर्ड फौजी ही है। वह ट्रैफिक पुलिस में तैनात है और चालान के बदले पैसे मांग रहा था। सोशल मीडिया पर कर्नल का वीडियो वायरल हो रहा है।
कर्नल दनवीर सिंह ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे साथ एक बड़ी दिलचस्प घटना हुई है। मैं ITO चौक पर था। बस के साथ मैं भी जा रहा था। मुझे रेड लाइट दिखाई नहीं दी और मैं पार कर गया। मुझसे गलती हुई। इसके बाद दिल्ली पुलिस के जवानों ने रोक लिया। मैंने उनको बताया कि मैं देख नहीं पाया। इस पर कांस्टेबल ने मुझसे कहा कि पांच हजार का चालान कटेगा।
‘फौजी होकर पैसे खा रहा है?’
कर्नल के अनुसार, कांस्टेबल ने कहा कि अगर आप चाहें तो सस्ते में निपट सकते हैं। कांस्टेबल ने एक हजार रुपये की मांग की। कर्नल ने बताया कि मैंने एक हजार रुपये देने के लिए निकाल लिए लेकिन फिर मैंने कहा कि मैं फौजी हूं और इस तरह पैसे दूं, अच्छा नहीं है। इस पर कांस्टेबल ने कहा कि मैं भी फौजी हूं। उसका नाम हेड कांस्टेबल महिपाल सिंह है। कर्नल ने आगे कहा कि मैंने उससे कहा कि तू एक फौजी होकर पैसे खा रहा है। मैं तुझे पैसे नहीं दूंगा। अगर तू पुलिसवाला होता तो मैं पैसे दे देता लेकिन फौजी है तो पैसे नहीं दूंगा। मैंने चालान ले लिया है।
देखें वीडियो
रिश्वत नहीं दूँगा । चालन कटवा लूंगा पर फ़ौजी महिपाल सिंह HC Delhi Police जो अब दिल्ली पुलिस में है उसे रिश्वत नहीं दूँगा । @DelhiPolice pic.twitter.com/YExzCLr78v
---विज्ञापन---— कर्नल Danvir Singh, Sena Medal Gallantry (@danvir_chauhan) September 30, 2024
वीडियो पर आ रहे कमेंट्स
कर्नल दनवीर सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है और उनके वीडियो पर बड़ी संख्या में लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ने लिखा कि कर्नल सर, ये सही तर्क नहीं है कि पुलिस वालों को रिश्वत देना जायज है, लेकिन सेना के जवान को नहीं देना चाहिए। अगर किसी से गलती हुई तो उसे जुर्माना भरने के लिए तैयार रहना चाहिए। एक अन्य ने लिखा कि वहां सिग्नल लाइट ठीक से दिखता नहीं है, हाईट कम है और कोई बस भारी वाहन अगर सामने है तो दिखना तो असंभव है। वहां लोगों को ट्रैप किया जाता है।
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एक ने लिखा कि बहुत बढ़िया दनवीर साहब। लेकिन आपको पहले ही रिश्वत देने के लिए सहमत नहीं होना चाहिए था और अगर आपने ऐसा किया भी था तो आपको निश्चित रूप से हमें इसके बारे में नहीं बताना चाहिए था। एक ने लिखा कि आप पहले पैसे देने के लिए तैयार क्यों हो गए थे? बाद में शायद एक हजार रुपये बचाने के लिए आपने परिचय देना शुरू किया। बात नहीं बनी तो आपने उसे सबक सिखाने का फैसला किया? एक अन्य ने लिखा कि दिल्ली पुलिस के जवान भ्रष्ट हैं, उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।