फास्ट फूड (Fast food) की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। बीते कुछ वर्षों में फास्ट फूड की डिमांड में तेजी आई है, न सिर्फ बाहरी देशों में बल्कि भारत में नई पीढ़ी के जीभ पर इसका स्वाद चढ़ा है। जब कुछ हलका खाने का मन करता है, ख्याल फास्ट फूड का आता है। अब तो घर पर बैठे-बैठे भी इसकी डिलीवरी हो जाती है। इसकी लोकप्रियता इसकी बढ़ गई है कि ये अब एक कारोबार भी बन गया है।
दुनिया भर के हर बड़े बाजार में रेस्तरां की शृंखलाएं खुल रही हैं। यही वजह है कि लोगों की फास्ट फूड (Fast food) तक पहुंच आसान है। हाल ही में फास्ट फूड दीवाने देशों की एक लिस्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कौन से देश फास्ट फूड के सबसे ज्यादा दीवाने हैं। यह रिपोर्ट सीईओ वर्ल्ड पत्रिका में जारी किया गया था।
फास्ट फूड सबसे ज्यादा खाने वाले देशों की लिस्ट में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम शीर्ष पर हैं। फ्रांस और स्वीडन चौथे और पांचवें स्थान पर आए और ऑस्ट्रिया पांचवें स्थान पर था। भारत का स्थान 13वां है।
सबसे ज्यादा Fast food खाने वाले देश
1 संयुक्त राज्य अमेरिका
2 यूनाइटेड किंगडम
3 फ्रांस
4 स्वीडन
5 ऑस्ट्रिया
6 मेक्सिको
7 दक्षिण कोरिया
8 यूनान
9 चीन
10 नॉर्वे
11 इटली
12 ऑस्ट्रेलिया
13 भारत
14 रूस
15 स्विट्ज़रलैंड
Fast Food का इतिहास
फास्ट फूड का चलन पश्चिमी देशों में है। 1950 के दशक में सबसे पहले अमेरिका में फास्ट फुड का चलन शुरू हुआ और बीसवीं सदी के अंत तक एशियाई देशों से होता हुआ भारत में पहुंचा। पश्चिमी समाज में सत्रहवीं सदी से मनोरंजन के लिये घर से बाहर जाकर चाय-कॉफी और स्नैक्स खाने-पीने का चलन शुरू हो गया था। हालाकि व्यवस्थित तरीके से रेस्टोरेन्ट बनाकर ग्राहकों को चाय-कॉफी, स्नैक्स और फास्ट फूड बेचने की पहली औपचारिक पहल का श्रेय मैकडोनाल्ड कंपनी को जाता है।
Fast Food खाने के नुकसान
फास्ट फूड खाने के कई नुकसान हैं। ये स्वादिष्ट तो होता है लेकिन हेल्थ के अच्छा नहीं होता। इसके खाने से डिप्रेशन की समस्या भी बढ़ सकती है। रिसर्च के मुताबिक, जो बच्चे अधिक जंक फूड का सेवन करते हैं उनका व्यवहार हिंसात्मक हो सकता है। इसके अधिक सेवन से स्किन को भी नुकसान पहुंचता है। फास्ट फूड खाने से दांतों में सड़न की परेशानी भी हो सकती है। हार्ट के लिए भी ये ठीक नहीं है। इसकी वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी ज्याादा बढ़ता है, जिसके कारण हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी बढ़ सकती है।