मक्खियों का दिमाग हैक, वैज्ञानिकों का नया कारनामा, जानें इसके फायदे
नई दिल्ली: कम्प्यूटर-मोबाइल फोन तो हैक होते हैं, लेकिन क्या कभी किसी मक्खी के दिमाग को हैक होते सुना है? हमने भी नहीं सुना था। ये शायद अटपटा भी लगे कि आखिरी मक्खियों के दिमाग को कैसे हैक किया जाता है। वैज्ञानिकों ने इसके बारे में सारी जानकारी दी है।
कयों किया जाता है मक्खियों के दिमाग को हैक?
अमेरिका में राइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि फल मक्खियों के दिमाग को हैक किया जाता है, ताकि उन्हें रिमोट से कंट्रोल किया जा सके। न्यूरोइंजीनियरों की टीम लक्षित न्यूरॉन्स को एक्टिव करने के लिए मैग्निेटिक सिग्नलों का इस्तेमाल करने में सक्षम थी, जो उनकी बॉडी पोजिशन और मूवमेंट को नियंत्रित करते हैं।
नेचर मिनरल्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रिसर्चर्स की टीम ने आनुवंशिक रूप से मक्खियों पर काम शुरू किया। इससे उनके कुछ न्यूरॉन्स ने हीट-सेंसटिव आयन चैनल्स को व्यक्त किया। वैज्ञानिकों ने फ्रूट फ्लाइस के दिमाग में आयरन ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स को इंजेक्ट किया, जिसके बाद टीम उन्हें हीट देने और न्यूरॉन को एक्टिव करने के लिए एक मैग्निेटिक फील्ड का इस्तेमाल करने में सक्षम थी।
क्या है इसके फायदे?
रिसर्चर्स ने पाया कि यह पिछली तकनीक की तुलना में 50 गुना तेजी से न्यूरल सर्किट को एक्टिवेट करने में सक्षम था। रिसर्चर्स ने कहा कि इस शोध से न्यूरोटेक्नोलोजी को काफी मदद मिलेगी, क्योंकि इसका इस्तेमाल बीमारियों के इलाज से लेकर कई और चीजों को डेवलप करने में किया जा सकता है। राइस यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर जैकब रॉबिन्सन ने कहा कि मस्तिष्क का अध्ययन करने या तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के लिए वैज्ञानिक कम्युनिटी ऐसे टूल्स की तलाश कर रही है जो सटीक हों।
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