Chinese Manjha : मकर संक्रांति के मौके पर देश के अधिकतर क्षेत्रों में लोग पतंग उड़ाते हैं। पतंग उड़ाने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का उपयोग करते हैं। यह मांझा बेहद खतरनाक होता है। अभी हाल ही में शाहजहांपुर के एक सिपाही शाहरुख हसन की गर्दन चाइनीज मांझे से कट गई। वह सड़क पर तड़पते रहे, स्थानीय लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आखिर चाइनीज मांझा इतना खतरनाक क्यों होता है और इसका उपयोग करने या बेचने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
चाइनीज मांझा प्लास्टिक और धातु के मिश्रण से बना होता है। चाइनीज मांझा सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार भी होता है। यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिसका मतलब ये है कि चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है। ये मांझा आसानी से टूटता भी नहीं है। यही कारण है कि इसमें फंसने के बाद कई पक्षी और इंसानों की मौत हो जाती है।
बरतें ये सावधानियां
बाइक सवार लोगों को हेलमेट पहनने और चेहरे को पूरी तरह से कवर करने की सलाह दी जाती है। बच्चों को भी चाइनीज मांझा ना छूने से बचाने की सलाह दें। बाइकर्स को एंटी-चाइनीज मांझा गार्ड लगाना चाहिए। पैदल चलते समय भी सतर्क रहना चाहिए और गर्दन को स्कार्फ से ढकना चाहिए। अक्सर इस मांझे से इंसान का गला ही कटता है। चीनी मांझा बेचने और उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई होती है। जानें कौन-कौन सी धाराएं लगेंगी और क्या है सजा?
भारत में चीनी मांझे पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग इसे बेचते और उपयोग करते हैं। चीनी मांझा मानव जीवन और पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। सरकार ने इसके निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।
वर्ष 2018 में आरक्षी पद पर भर्ती एवं वर्तमान में जनपद शाहजहाँपुर में तैनात आरक्षी स्व0 शाहरुख हसन के दुःखद निधन पर उ0प्र0 पुलिस परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
दिवंगत आरक्षी को सद्गति व उनके परिजनों/प्रियजनों के संबल हेतु हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
शत् शत् नमन🙏 pic.twitter.com/9ywGpiirRR
— UP POLICE (@Uppolice) January 11, 2025
चीनी मांझा बेचने और खरीदने वालों, हो जाओ सावधान
चाइनीज मांझा पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। इसके बावजूद भी कई लोग इसे खरीदते और बेचते हैं। खरीदने और बेचने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) के तहत 6 महीने तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।
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इतना ही नहीं, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत ₹50,000 तक का जुर्माना और 5 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ प्रशासनिक कार्रवाई भी हो सकती है। जिला प्रशासन और पुलिस चीनी मांझा बेचने वालों पर छापेमारी करती है। पकड़े जाने पर तुरंत गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
नोट : पंतग उड़ाते समय सूती मांझे का उपयोग करें। चीनी मांझा बेचने या उपयोग करने वालों की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस या प्रशासन को दें।