Flying Snakes: अभी तक आपने सांपों के बारे में सुना होगा कि ये रेंगकर चलते हैं। लेकिन उड़ने वाले सांप भी होते हैं। वो भी 3 से 4 फीट तक लंबे। जो एक बार में 100 मीटर तक उड़ सकते हैं। ये सांप हवा में उड़कर ही शिकार करते हैं। आमतौर पर ऐसे सांपों को कम जहरीला माना जाता है। लेकिन ये सांप कलाबाजी खाते हुए हवा में कमाल की छलांग लगाते हैं। खास प्रजातियों के इन सांपों को जीनस क्राइसोपेलिया कहा जाता है। ये सांप दक्षिण एशिया और इंडोनेशियाई द्वीप समूहों पर पाए जाते हैं। जो एथलीट की तरह एकदम छलांग लगाने में माहिर होते हैं। इन सांपों के पंख नहीं होते। लेकिन खास टेक्नीक से ये काफी दूर तक उड़ सकते हैं।
अधिकतर सांपों को रंग ब्लैक या ग्रीन
इनके उड़ने को साइंटिस्ट ग्लाइडिंग भी कहते हैं। ये सांप ऊपर से नीचे की ओर गजब का संतुलन बनाकर उड़ते हैं। वहीं, नीचे से ऊपर की ओर भी उड़ सकते हैं। गिलहरियों की तरह ये ऊपर और नीचे छलांग लगा सकते हैं। हवा में रहने के लिए लयबद्ध तरीके से एकदम तेजी दिखाते हैं। फिर s के आकार में उड़ते हैं। आमतौर पर ये सांप 3-4 फीट लंबे हो सकते हैं। लेकिन आकार जितना छोटा होता है, उतना अधिक छलांग लगा सकते हैं। इनका वजन भी कम होता है। इनकी मुख्यत: 5 प्रजातियां होती हैं। जो किसी भी रंग के हो सकते हैं। लेकिन अधिकतर का रंग हरा और काला होता है।
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ये ज्यादातर दिन के समय शिकार करते हैं। कीडे़, पक्षी, छिपकली और चमगादड़ को पलक झपकते ही शिकार बना लेते हैं। इनकी एक प्रजाति भारत और श्रीलंका में भी मिलती है। जो सुनहरे रंग की होती है। इन्हें गोल्डन फ्लाइंग स्नेक (C Ornata) कहा जाता है। यह सांप 100 cm (40 इंच) लंबा हो सकता है। सी टैप्रोबानिका नाम का एक और भारतीय सांप भी जंगलों में मिलता है। जो छलांग लगा सकता है। यह लगभग 60 से 90 cm (24-35 इंच) लंबा हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये प्रजातियां इंसानों के लिए अधिक जहरीली नहीं होती।