Robinson Crusoe of Italy: इटली के मॉरो मोरांदी की 85 साल की आयु में मौत हो गई। मोरांदी को ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के नाम से जाना जाता था। बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के 32 साल एक वीरान आइलैंड पर अकेले बिताए। यहां उन्होंने अपने सभी काम खुद करने की आदत के साथ समाज से दूर रहकर जीवन बिताना सीखा। हालांकि तीन साल पहले उनको वापस अर्बन कल्चर में लौटना पड़ा। आइए ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के बारे में जानते हैं।
क्यों कहे जाते हैं रॉबिन्सन क्रूसो?
मोरांदी को ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ का नाम मीडिया ने दिया था, क्योंकि वह सर्दीनिया के पास स्थित बुडेली द्वीप के अकेले निवासी थे। गूगल की मानें तो रॉबिन्सन क्रूसो उन व्यक्तियों को कहा जाता है, जो अपनी सूझबूझ और प्रयास से अपने दम पर जीवित रहते हैं।
हालांकि, रॉबिन्सन क्रूसो एक अंग्रेजी नॉवेल है, जो अपने मेन कैरेक्टर रॉबिन्सन क्रेट्जनेर की कहानी बताता है। कहानी में इसका जहाज डूब जाता है और वह वेनेजुएला और त्रिनिदाद के तटों के पास एक निर्जन द्वीप पर 28 साल बिताता है। द्वीप पर अपने समय के दौरान, वह नरभक्षियों, बंदियों और विद्रोहियों का सामना करता है।
[WORLD] Mauro Morandi, known as “Italy’s Robinson Crusoe,” passed away on January 3 at the age of 85, three years after being forced to leave Budelli Island, where he lived in solitude for 32 years.
---विज्ञापन---In 1989, while sailing to Polynesia to escape consumerism, Morandi’s journey was… pic.twitter.com/TPl2U88Zyy
— 鳳凰資訊 PhoenixTV News (@PhoenixTV_News) January 13, 2025
वीरान द्वीप पर बिताए 32 साल
बुडेली द्वीप द्वितीय विश्व युद्ध के समय का एक पुराना शेल्टर था। मोरांदी ने 1989 में अपनी कैटामरन नाव के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस द्वीप को अपना घर बना लिया। उस समय वह पोलिनेशिया की यात्रा पर निकले थे, लेकिन समाज से दूर रहने की इच्छा ने उन्हें इस द्वीप पर रुकने के लिए प्रेरित किया।
मॉरो मोरांदी ने अपने जीवन के 32 साल द्वीप के समुद्र तटों को साफ रखने और वहां आने वाले पर्यटकों को द्वीप के पर्यावरण के महत्व के बारे में शिक्षित करते हुए बिताए। इतना ही नहीं, अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने सोलर एनर्जी सिस्टम बनाया और एक साधारण चूल्हे के माध्यम से अपने घर को गर्म रखा।
हालांकि, 2021 में ला मड्डालेना नेशनल पार्क अथॉरिटी द्वारा इस द्वीप को एनवायरनमेंट एजुकेशन सेंटर में बदलने की योजना के चलते उन्हें बुडेली द्वीप छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने ला मड्डालेना द्वीप पर एक छोटे से अपार्टमेंट में रहना शुरू किया। कुछ समय पहले एक दुर्घटना के बाद उन्हें ससारी के एक हेल्थ केयर सेंटर में रखा गया। उनका निधन हाल ही में उत्तरी इटली के मोडेना में हुआ।
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