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कोलकाता गैंगरेप केस में नया खुलासा, आरोपियों ने प्लान के तहत की वारदात, मोबाइल से खुले कई राज

कोलकाता रेप केस कांड में एक नया खुलासा हुआ है। गैंगरेप के दौरान दो आरोपियों ने मोबाइल से छात्रा का वीडियो भी बनाया था। सूत्रों से पता चला है कि आरोपियों ने कई वीडियो शूट किए थे। जांच टीम ने इन वीडियो को कब्जे में लिया है।

पुलिस की गिरफ्त में गैंगरेप के आरोपी
पश्चिम बंगाल में कोलकाता गैंगरेप मामले में जांच कर रही पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपियों ने लॉ कॉलेज की छात्रा से गैंगरेप के दौरान मोबाइल से कई वीडियो शूट की थी। आरोपियों द्वारा पीड़िता को ब्लैकमेल किए जाने का भी प्लान था। पीड़िता ने घटना के बाद तुरंत इसकी शिकायत पुलिस से की। जिसके बाद एक्शन लिया गया।

गैंगरेप के बाद ब्लैकमेल करने का था प्लान

इस केस की जांच कर रही टीम ने आईएएनएस को बताया कि पीड़िता के साथ मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय ने गैंगरेप किया था। पूछताछ के दौरान पता चला है कि जेब अहमद और प्रमित ने बताया कि घटना के दौरान आरोपियों मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड की थी। इसके पीछे आरोपियों की सोची समझी साजिश थी। आरोपी इस वीडियो के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल भी करना चाहते थे। आरोपियों ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा।

मोनोजीत मिश्रा के मोबाइल में मिले कई वीडियो

सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान आरोपियों में से मोनोजीत मिश्रा के मोबाइल में कई वीडियो बनी थी। जांच टीम ने इन वीडियो को कब्जे में लिया है। टीम अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन वीडियो को आरोपियों ने कहां-कहां फॉरवर्ड किया है। वहीं इस केस में चौथा आरोपी कॉलेज का सिक्योरिटी गार्ड है।

भाजपा की चार सदस्यों की टीम ने जताई चिंता

लॉ छात्रा से गैंगरेप मामले में भाजपा की चार सदस्यों की टीम सोमवार को कोलकाता पहुंची। इस दौरान टीम ने जांच प्रभावित होने की चिंता जताई है। भाजपा की इस टीम में सांसद सतपाल सिंह (पूर्व पुलिस अधिकारी) भी शामिल हैं। सतपाल सिंह मुम्बई पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं।

पीड़िता और उसके परिजनों से नहीं हो पाई मुलाकात

सांसद सतपाल सिंह का कहना है कि पीड़िता और उसके परिजनों से मिलने की कोशिश की जा रही है। अभी तक मुलाकात नहीं हो पाई है। इस पूरे मामले में सत्तारूढ़ दल शुरू से उनके कोलकाता आने का विरोध करती है। एक लोकतांत्रिक देश में इस तरह की धारणा गलत है।


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