Vrindavan Banke Bihar Temple Corridor Features: देशभर के श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। एक तरफ जहां राम मंदिर तैयार हो रहा है, वहीं अब मथुरा वृंदावन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को भी मंजूरी मिल गई है, जो काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसका डिजाइन तैयार है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है। साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को निर्देश दिए कि मंदिर के खाते में जमा पैसे का इसके लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कॉरिडोर बनाने के दौरान मंदिर प्रबंधन प्रभावित नहीं होना चाहिए। न ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने से रोका जाएगा। मामले में अगली सुनवाई अब जनवरी 2024 में होगी, जिसमें सरकार और जिला प्रशासन को निर्माण की प्लानिंग बतानी होगी।
https://t.co/MpBoUzh7la HC green signal to UP’s Banke Bihari temple corridor
— Hemant Srivastava (@hemant_smile) November 21, 2023
---विज्ञापन---
कॉरिडोर बनने के बाद 10 हजार कर सकेंगे दर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2022 में जन्माष्टमी के मौके पर मंगला आरती के दौरान मंदिर में हादसा हुआ। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी उमड़ी थी कि दम घुटने से 2 लोगों की मौत हो गई। मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया। कॉरिडोर बनाने की बात उठी तो वृंदावन के सेवक, शहर के व्यापारी, संत महात्मा और लोग 2 पक्षों में बंट गए। एक पक्ष ने इसका विरोध किया। दूसरे ने समर्थन किया। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा और अब इलाहाबाद कोर्ट ने श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी। कॉरिडोर बनने के बाद करीब 10 हजार लोग एक बार में बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे। कॉरिडोर में 3 रास्ते बनेंगे। एक जुगलघाट से सीधे मंदिर तक जाएंगा। दूसरा विद्यापीठ चौराहे से और तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग में जाएगा, जो VIP होगा।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath offers prayers at Banke Bihari Temple in Vrindavan, Mathura. pic.twitter.com/CEyVjmGF02
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 19, 2023
505 करोड़ खर्च, 276 दुकानों-घरों का अधिग्रहण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉरिडोर करीब 5.65 एकड़ में बनेगा। इसे बनाने में करीब 505 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंदिर के आसपास करीब 5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा, जिसमें 149 घर और 66 दुकानें मिलाकर करीब 276 कैंपस आएंगे, जिन्हें गिराया जाएगा। वहीं इस अधिग्रहण के लिए लोगों को मनाना भी काफी मुश्किल होगा। 300 करोड़ रुपये यह जमीन खरीदने के लिए चाहिए। यह बजट और 505 करोड़ सरकार ने रिलीज कराना भी चुनौतीपूर्ण काम होगा। अभी मंदिर करीब 3 एकड़ में बना है। जमीन मदन मोहन मंदिर ट्रस्ट के नाम पर है। मंदिर 1864 में बनाया गया था। इस समय मंदिर में 48 फीट लंबा और 48 फीट चौड़ा कॉरिडोर है, जिसमें सिर्फ एक हजार लोग ही खड़े हो सकते हैं, जबकि त्योहारों के दौरान दर्शन करने वालों की संख्या करीब 5 लाख तक पहुंच जाती है।
कॉरिडोर बनने से फायदा और क्या सुविधाएं मिलेंगी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉरिडोर बनने से मंदिर और यमुना नदी जुड़ेंगे। श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाने के बाद कॉरिडोर से सीधे मंदिर तक पहुंचेंगे। हाईवे की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 26 हजार वर्गमीटर एरिया में सुनरख पार्किंग बनेगी। इस पार्किंग में करीब एक हजार वाहन खड़े हो सकेंगे। यहां से श्रद्धालु ई-रिक्शा या पैदल मंदिर तक जा सकेंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 37 हजार वर्गमीटर में ब्रिज पार्किंग बनेगी। इसमें करीब 1550 वाहन पार्क किए जा सकेंगे। कॉरिडोर तक ई-रिक्शा चलेंगे या नहीं, अभी तय नहीं है, लेकिन यात्रियों को आराम करने, पेयजल, शौचालय, वाई-फाई इंटरनेट की सुविधाएं मिलेंगी। बड़ा फव्वारा लगेगा, जिसके चारों ओर 4 बगीचे होंगे। 2 अस्पताल बनाए जाएंगे, जिनमें से एक नीचे के हिस्से में और दूसरा ऊपर के हिस्से में बनेगा।