Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Timeline: आखिरकार मेहनत रंग लाई। 17 दिन से चल रही कोशिशें कामयाब हुईं। अपने 41 मजदूरों की जान बचाने के लिए चल रहे प्रयास सार्थक साबित हुए। शुक्र है भगवान का कि उन्होंने साथ दिया। मौसम भी खराब न हुआ और एक के बाद एक कई रास्ते दिखाए। परिणामस्वरूप 25 बचाव एजेंसियां सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने में कामयाब हो गईं। गौरतलब है कि पूरे ऑपरेशन के दौरान काफी दिक्कतें आईं। अमेरिका से आई ऑगर मशीन फेल हो गई। वर्टिकल ड्रिलिंग फेल हो गई, लेकिन हमारे जवानों ने हिम्मत नहीं हारी। मैन्युअली वर्टिकल ड्रिलिंग करके, रैट होल माइनिंग करके मजदूरों को सुरक्षित और जिंदा सुरंग से बाहर निकाल लिया। आइए जानते हैं कि पिछले 17 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत क्या-क्या किया गया?
यह है प्रोजेक्ट है और ऐसे हुआ हादसा?
बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत ब्रह्माखाल-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्कयारा टनल बन रही है। लगभग 853.79 करोड़ रुपये की लागत से यह टनल बननी थी, जिसकी कुल लंबाई 4.5 किलोमीटर होगी। इस टनल के बन जाने से होने से यमुनोत्री धाम को कनेक्टिविटी मिलेगी। धरासू से यमुनोत्री की दूरी 26 किलोमीटर कम होगी। धरासू से यमुनोत्री धाम तक आने-जाने में एक घंटे का समय बचेगा। प्रोजेक्ट 2018 में पास हुआ था और 2022 तक इस सुरंग को बनाने की डेडलाइन थी, लेकिन कोरोना काल के कारण सुरंग नहीं बन पाई और अब जब इसे बनाने का काम शुरू किया गया तो हादसा हो गया।
12 नवंबर 2023 दिवाली वाले दिन की सुबह करीब साढ़े 5 बजे अचानक लैंडस्लाइड हुआ और निर्माणाधीन सुरंग पर मलबा गिर गया। ऊपर पहाड़ से मलबा आने से रास्ता ब्लॉक हो गया और अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। हादसे की सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू किया गया। 17 दिन NDRF, SDRF, BRO और आर्मी समेत 25 बचाव दल रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे और मजदूरों को बाहर निकालकर ही दम लिया।