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गाजियाबाद में मकान मालिक ने की दिल दहला देने वाली वारदात! चार टुकड़ों में फेंका PhD स्कॉलर, जानें क्या है मामला?

UP Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में एक लालची मकान मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने पीएचडी स्कॉलर किराएदार की हत्या के बाद शव के चार टुकड़े कर दिए। इन टुकड़ों को मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद में गंगनहर और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के […]

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
UP Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में एक लालची मकान मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने पीएचडी स्कॉलर किराएदार की हत्या के बाद शव के चार टुकड़े कर दिए। इन टुकड़ों को मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद में गंगनहर और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे जंगलों में फेंक दिया। अब पीएचडी स्कॉलर के दोस्त ने सोशल मीडिया पर चलाई एक मुहिम से कालितों को खोज निकाला।

इन इलाकों के जंगलों में फेंके शव के टुकड़े

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस ने 35 वर्षीय उमेश शर्मा को मोदीनगर से गिरफ्तार किया है। उसने 6 अक्टूबर को अपने पीएचडी स्कॉलर किराएदार अंकित (40) की गला घोंट कर हत्या कर दी। आरोपी उमेश ने फिर अपने दोस्त के साथ मिलकर अंकित के शव को पेड़ काटने वाली आरीप से चार टुकड़ों में काट दिया। इन टुकड़ों को आरोपी ने गाजियाबाद-मुजफ्फरनगर में गंगनहर और डासना में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास जंगलों में फेंक दिया।

एक निजी अस्पताल में कंपाउंडर है आरोपी

गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि मोदीनगर के एक निजी अस्पताल में कंपाउंडर उमेश शर्मा ने अपना एक कारोबार शुरू करने के लिए अंकित से 40 लाख रुपये उधार लिए थे। इन पैसों की उधारी चुकाने से बचने के लिए आरोपी ने अंकित की हत्या करने की योजना बनाई। लेकिन अंकित के एक पुराने दोस्त विशाल शर्मा ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर मुहिम चलाकर हत्यारोपी को खोज निकाला। पुलिस ने आरोपी उमेश और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर आरी भी बरामद कर ली है।

अंकित सर्च के नाम से चलाई मुहिम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काफी दिनों से कोई जानकारी नहीं होने पर अंकित के दोस्त विशाल ने उसकी खोज शुरू की। दोनों कॉलेज के दिनों से साथ में थे। उन्होंने बताया कि कई हफ्तों से अंकित का फोन बंद आ रहा था। मोदी नगर में आकर भी जानकारी तो कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद विशाल ने 'अंकित सर्च' के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। विशाल ने बताया कि एक दिन अंकित के नंबर से ग्रुप में मैसेज आया। मैसेज की भाषा देखकर अंकित को शक हुआ।

करोड़ों की संपत्ति का इकलौता मालिक था अंकित

इसके बाद विशाल ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने शुरुआती पड़ताल के बाद अंकित के मकान मालिक उमेश को हिरासत में लिया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि वर्ष 2014 में अंकित की मां और वर्ष 2015 में उनके पिता की मौत हो गई। इसके बाद वह बागपत में अपनी संपत्ति के इकलौता मालिक थे। उनके दोस्तों ने बताया कि अंकित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में पीएचडी कर रहे थे। मोदी नगर के राधे एन्क्लेव कॉलोनी में उमेश शर्मा के घर में अकेले रहते थे।


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