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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Uttar Pradesh: छांगुर बाबा ने कैसे खड़ा किया अपना नेटवर्क? अब अफसरों पर एक्शन की तैयारी

Chhangur Baba Case: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में छांगुर बाबा के अवैध ठिकानों पर एक्शन लेते हुए उनको ध्वस्त कर दिया गया। छांगुर बाबा मामले की जांच में हर दिन कुछ नई पर्तें खुलकर सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, इस केस में कुछ अफसरों के शामिल होने का भी शक जताया जा रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 16, 2025 12:41
Uttar Pradesh Balrampur
Photo Credit- Social Media

Chhangur Baba Case: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से छांगुर बाबा का केस काफी सुर्खियों में है। बाबा पर आरोप लगा कि उसने बहुत से लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है। वह इस काम को लंबे समय से करता आ रहा था। हालांकि, प्रशासन लगातार इस मामले में कार्रवाई कर रहा है। बाबा की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा तुका है। अब इसमें कई लोगों के शामिल होने की सामने आ रही हैं, जिसमें कुछ अफसरों के नाम भी होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगर बाबा ने अपना इतना बड़ा नेटवर्क बनाया है, तो इसके पीछे कुछ अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं।

अफसरों का क्यों आ रहा नाम?

छांगुर बाबा के केस में अब कुछ अफसरों के ऊपर भी प्रशासन का डंडा लटका है। मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि बाबा ये काम सालों से कर रहा था, लेकिन इसकी जानकारी किसी को कैसे नहीं हुई? इसको देखते हुए अब बलरामपुर में मौजूद अफसरों पर भी एक्शन की तैयारी की जा रही है। इसके पहले बलरामपुर में बाबा का घर गिराया जा चुका है। साथ ही छांगुर बाबा की एक सहयोगी नीतू के घर पर भी बुलडोजर चला है। छांगुर बाबा के खिलाफ फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी एक मामला दर्ज किया गया है।

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जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के मददगार चार अफसरों के नाम सामने आए हैं। अब इन चारों पर कार्रवाई की जा सकती है। एसटीएफ की गोपनीय जांच में 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात रहे एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर का नाम सामने आ रहा है।

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भीख मांगने वाला कैसे बना बाबा?

छंगुर बाबा का नाम जमालुद्दीन है, जो बलरामपुर के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छंगुर बाबा का परिवार काफी गरीब था। जब तक वह बाबा नहीं बना था, तब उसने भीख मांगने का काम भी किया है। जमालुद्दीन का परिवार अभी भी गांव में रहता है, जिनमें से एक भाई भीख मांगकर अपना गुजारा करता है। छांगुर बाबा गांव छोड़कर मुंबई चला गया। यहां पर उसने खुद का परिचय एक ‘पीर बाबा’ के तौर दिया। इतना ही नहीं मुंबई से वापस आकर वह गांव में प्रधानी का चुनाव लड़ा और दो बार जीत भी हासिल की। यहीं से उसने अपना काम शुरू किया।

छांगुर बाबा से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। वह धर्मांतरण का अपना ये काम नेपाल तक पहुंचाने की फिराक में था। सीमा से लगे गांवों के लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए उसने एक टीम बनाई थी।

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First published on: Jul 16, 2025 09:54 AM