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नूरी जामा मस्जिद पर चला बुलडोजर! 180 साल पुराना ढांचा जमींदोज

Fatehpur Noori Jama Masjid Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश की एक मस्जिद पर योगी सरकार के बुलडोजर गाज गिरी है। प्रशासन ने 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद को जमींदोज कर दिया है।

Fatehpur Noori Jama Masjid Bulldozer Action:(इन्द्र कुमार दीक्षित) उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। अवैध अतिक्रमण पर एक्शन लेते हुए योगी सरकार ने 180 साल पुरानी मस्जिद गिरा दी है। फतेहपुर के ललौली में स्थित नूरी जामा मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई हुई और कुछ ही देर में मस्जिद पूरी तरह से जमींदोज हो गई। नूरी जामा मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन के दौरान SSP, ADM, RAF, PAC समेत थाने की बड़ी फोर्स मौजूद थी।

यूपी सरकार ने बताई वजह

मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की वजह साफ करते हुए यूपी सरकार ने कहा कि सड़कों को चौड़ा करने के लिए यह आदेश दिया गया है। फतेहपुर से गुजने वाले बहराइच और बांदा हाईवे (SH-13) के चौड़ीकरण के तहत यह फैसला लिया गया है। नूरी जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने अवैध रूप से रास्ते में मस्जिद बनाई थी। 17 अगस्त को PWD ने नोटिस जारी करते हुए अवैध ढांचे को हटाने का आदेश दिया था। 24 सितंबर से PWD ने अवैध ढांचे गिराने का काम शुरू किया। उस समय मस्जिद कमेटी ने कहा कि वो खुद इसे गिरा देंगे। मगर इतने दिन बाद भी ढांचा जस का तस खड़ा रहा। ऐसे में सरकार को मजबूरी में इसे गिराना पड़ा। यह भी पढ़ें- बिहार की ‘महिला रैली’ को लेकर लालू का CM नीतीश पर तंज, आंखें सेंकने जा रहे होंगे…

10 थानों की फोर्स जुटी

ललौली में गिराई गई नूरी मस्जिद को लेकर जिला प्रशासन ने देर रात से 10 थानों की फोर्स, एक कंपनी PAC, एक कंपनी RRF, 5 DSP और PWD के अधिकारियों को मौके पर मौजूद रहने का आदेश दिया है। इस मस्जिद को अक्टूबर में गिरा लेना चाहिए था, लेकिन मस्जिद के मुतवल्ली मस्जिद को गिराने की बजाय कोर्ट की शरण में पहुंच गए थे। इसकी सुनवाई 6 दिसंबर को हुई थी, लेकिन किन्ही कारणों से यह टल गई। अब 13 दिसंबर को होनी थी, लेकिन सुनवाई के पहले ही आज सुबह जिला प्रशासन ने मस्जिद को धराशाई कर दिया है।

लोगों ने क्या कहा?

पुलिस फोर्स ने ललौली कस्बे वासियों को घर मे ही अरेस्ट कर रखा है। किसी को भी घरों से नही निकलने दिया जा रहा है। जब कि ललौली होकर बांदा जाने वाले वाहनों को बहुआ होकर निकाला जा रहा है। वही ADM और ASP के द्वारा मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के पल पल पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। वहीं पुलिस फोर्स की गश्त और सख्ती को देखकर लोग मीडिया के सामने कुछ भी कहने से मना कर रहे हैं। जहां कस्बे वासियों ने दबी जुबान में कहा कि वह लोग कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे, जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर को होनी थी। लेकिन उसले पहले उनकी मस्जिद को गिरा दिया गया है। यह भी पढ़ें- Delhi Election: दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को ओवैसी ने दिया टिकट, इस सीट से लड़ेगा चुनाव  


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